डीएनए हिंदी: युवा कवि देवेश पथ सरिया को भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार-2023 से सम्मानित किए जाने की घोषणा आज शनिवार को की गई. इस सम्मान के लिए देवेश पथ सरिया के कविता संग्रह ‘नूह की नाव’ का चयन आनंद हर्षुल ने किया है. यह जानकारी रजा फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी अशोक वाजपेयी ने दी.
चयनकर्ता आनंद हर्षुल ने कहा, यह सुखद था कि इस बार विभिन्न स्रोतों से प्राप्त कविता-संग्रहों में स्त्री-कवियों की संख्या ज्यादा थी. इन सभी कवियों के पास अच्छी कविताएं नहीं थीं. अंतिम रूप से मैंने जिन पांच कवियों को चुना, उनमें दो स्त्रियां थीं. पर कविता को जीवन में रच दी गई सीमाओं का उल्लंघन करना आना चाहिए. जब हम यह नहीं कर पाते हैं तो कविता में, मनुष्य-जीवन की व्यापकता का अन्वेषण नहीं कर पाते हैं.
इसे भी पढ़ें : DNA Exclusive: साहित्य अकादेमी सम्मान 2023 के लिए हिंदी की इन 13 किताबों पर किया गया विचार
आनंद हर्षुल ने कहा कि हमेशा स्त्री या पुरुष होने से बड़ा, कवि होना होता है और यह होना, हमें आना चाहिए. मैंने देवेश पथ सारिया के संग्रह ‘नूह की नाव’ को इस पुरस्कार के लिए इसलिए चुना कि उनकी कविताओं में, जीवन में रच दी गई सीमाओं के उल्लंघन का प्रयत्न मुझे दिखता है. दिखता है कि वे अपनी कविताओं में ‘पृथ्वी की नाभि का हाल’ जानने की कोशिश कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : अमृता प्रीतम के इमरोज कौन थे - कलाकार, कवि या प्रेमी? जानें इस समर्पित शख्स को
बता दें कि पहले यह सम्मान किसी एक कविता के लिए दिया जाता था, पर बीते तीन वर्ष से यह कविता संग्रह पर दिया जा रहा है. सम्मानित कवि को 21000 रुपए दिए जाते हैं. रजा फाउंडेशन दो साल में एक बार सम्मान समारोह आयोजित करता है. बीते साल दो वर्ष के चयनित कवियों को एकसाथ भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार दिया गया था. 2021 के लिए सुधांशु फिरदौस का चयन अरूण देव ने किया जबकि 2022 के लिए सौम्य मालवीय का चयन अष्टभुजा शुक्ल. भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार 2024 के लिए जब कवि का चयन हो जाएगा उसके बाद आयोजित समारोह में देवेश पथ सरिया सम्मानित किए जाएंगे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.