DNA Exclusive: साहित्य अकादेमी सम्मान 2023 के लिए हिंदी की इन 13 किताबों पर किया गया विचार

Written By अनुराग अन्वेषी | Updated: Dec 22, 2023, 07:03 PM IST

13 पुस्तकों के बीच चयनित हुआ 'मुझे पहचानो' उपन्यास.

Sahitya Akademi Award 2023: साहित्य अकादेमी सम्मान के लिए इस बार हिंदी की कुल 13 पुस्तकें निर्णायक मंडल के पास विचार के लिए भेजी गई थीं. अकादेमी ने तय किया था कि 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के बीच प्रकाशित पुस्तकों में से किसी एक का चयन 2023 के सम्मान के लिए किया जाएगा. देखें पुस्तकों की सूची.

डीएनए हिंदी: कथाकार संजीव के उपन्यास 'मुझे पहचानो' को साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2023 से नवाजा गया है. यह उपन्यास 2020 में सेतु प्रकाशन से छपकर आया था. इस बार हिंदी की कुल 13 किताबें निर्णायक मंडल के पास विचार के लिए भेजी गई थीं. हिंदी अकादेमी ने तय किया था कि 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के बीच प्रकाशित पुस्तकों में से किसी एक का चयन 2023 के सम्मान के लिए किया जाएगा.
साहित्य अकादेमी के मुताबिक, इन 13 किताबों के बीच से संजीव के उपन्यास का चयन निर्णायक मंडल ने सर्वसम्मति से किया है. तीन सदस्यीय इस निर्णायक मंडल में वरिष्ठ साहित्यकार लीलाधर जगूड़ी, नासिरा शर्मा और प्रो. रामजी तिवारी थे. बता दें कि 1997 लीलाधर जगूड़ी और 2016 में नासिरा शर्मा को साहित्य अकादेमी का सम्मान मिल चुका है.

ये है विचार की गई पुस्तकों की सूची

साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2023 के लिए हिंदी की जिन 13 पुस्तकों पर विचार किया गया, वे हैं - 2017 में छपा ममता कालिया का उपन्यास 'कल्चर वल्चर', 2020 में प्रकाशित जितेंद्र श्रीवास्तव का कविता संग्रह 'सूरज को अँगूठा', 2018 में आया ज्ञान चतुर्वेदी का उपन्यास 'पागलखाना', 2021 में प्रकाशित ज्योतिष जोशी की साहित्य समीक्षा 'तुलसीदास का स्वप्न और लोक', 2021 में छपे ए. अरविंदाक्षन के समीक्षात्मक निबंध 'कविता में जीवन', 2018 में प्रकाशित सूर्यबाला का उपन्यास 'कौन देस को वासी : वेणु की डायरी', 2018 में आया लीलाधर मंडलोई का कविता संग्रह 'जलावतन', 2019 में प्रकाशित कमलाकांत त्रिपाठी का उपन्यास 'सरयू से गंगा', 2020 में छपी कमल किशोर गोयनका की साहित्यिक समालोचना की पुस्तक 'प्रेमचंद नयी दृष्टि : नये निष्कर्ष', 2020 में ही प्रकाशित रूपसिंह चंदेल का कहानी संग्रह 'जुलूस में आदमी', 2020 में प्रकाशित चंदन पांडेय का उपन्यास 'वैधानिक गल्प', 2018 में छपे महेश वर्मा का कविता संग्रह 'धूल की जगह' और 2020 में प्रकाशित संजीव का उपन्यास 'मुझे पहचानो'.

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