नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में रविवार का दिन प्रकाशकों के लिए बहुत ही उत्साहवर्धक रहा. प्रगति मैदान में पुस्तक प्रेमियों की जबर्दस्त भीड़ उमड़ी, जिसने खुलकर पुस्तकों की खरीदारी की.
गीता प्रेस, गोरखपुर के स्टॉल पर शनिवार और रविवार मिलाकर लगभग ढाई लाख पुस्तकें बिकी हैं. राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, राजपाल एंड संस, हिंद युग्म, बोधि जैसे प्रकाशकों ने बताया कि उनके यहां भी रविवार को अच्छी संख्या में पुस्तकों की बिक्री हुई.
राजकमल प्रकाशन ने बताया कि रविवार को जसिंता केरकेट्टा की 'प्रेम में पेड़ होना', हरिशंकर परसाई की 'निठल्ले की डायरी', पीयूष मिश्रा की 'कुछ इश्क किया कुछ काम किया' और 'तुम्हारी औकात क्या है', दुष्यंत कुमार की 'साये मेंम धूप', काशीनाथ सिंह की 'काशी में अस्सी', जॉस्टिन गार्डर की 'सोफी का संसार', रामधारी सिंह दिनकर की 'रश्मिरथी', अंकिता आनंद की 'अब मेरी बारी' और फणीश्वरनाथ रेणु की 'मैला आँचल' पुस्तके बेस्ट सेलर रहीं.
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वाणी प्रकाशन के मुताबिक, उनके यहां मनमोहन वैद्य की 'We and the World Around', डॉ. सुनील कुमार शर्मा की 'आर्टिफिशल इंटेलीजेंस : एक अध्ययन' और चैट जीपीटी : एक अध्ययन', विजय प्रकाश संपादित 'पन्नों पर कुछ दिन', अलका सरावगी की 'गांधी और सरलादेवी चौधरानी : बारह अध्याय', डॉ. कुमार विश्वास संपादित 'यानी' और 'लेकिन', डॉ. कुमार विश्वास की 'कोई दीवाना कहता है', स्वदेश दीपक की 'मैंने मांडू नहीं देखा' और नरेंद्र कोहली की 'न भूतो न भविष्यति' बेस्ट सेलर बुक रहीं.
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हिंद युग्म प्रकाशन ने बताया कि रविवार को नीलोत्पल मृणाल की 'डार्क हॉर्स' औक 'औघड़ और यार जादूगर', दिव्य प्रकाश दुबे की 'यार पापा', 'अक्टूबर जंक्शन' और 'मुसाफिर कैफे', निशांत जैन की 'रुक जाना नहीं', विनोद कुमार शुक्ल की 'एक पूर्व में बहुत से पूर्व' और राघवेंद्र सिंह की किताब '615 पूर्वांचल हॉस्टल' बेस्ट सेलर रहीं.
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बोधि प्रकाशन ने बताया कि रविवार को निधि अग्रवाल का कविता संग्रह 'कोई फ्लेमिंगो कभी नीला नहीं होता' को पुस्तक प्रेमियों ने खूब पसंद किया और वह उनके स्टॉल पर बेस्ट सेलर रही. इसके अलावा नरेश गुर्जर का मुक्त गद्य 'मन आकाश', निधि अग्रवाल का उपन्यास 'अप्रवीणा' और सत्यनारायण की डायरी 'तारीख की खँजड़ी' को भी पाठकों का बढ़िया रेस्पॉन्स मिला.
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