डीएनए हिंदी : रविवार को सियालदह के बीसी राय ऑडिटेरियम में विनय शर्मा को 'रवि दवे सम्मान' और अजय राय को 'निनाद सम्मान' दिया गया. इसी के साथ सामाजिक-सांस्कृति संस्था नीलांबर का वार्षिकोत्सव 'लिटरेरिया 2023' का समापन हुआ. साहित्योत्सव के अंतिम दिन की शुरुआत नीलांबर टीम ने मुक्तिबोध, सर्वेश्वरदयाल सक्सेना और उदय प्रकाश की कविताओं के गायन से की.
रविवार को ही कहानी पाठ के सत्र में झारखंड के कथाकार पंकज मित्र ने अपनी कहानी ‘बेचूलाल का भूत उर्फ बेलाकाभू' का पाठ किया. सत्र का संचालन विनोद कुमार ने किया.
सिनेमा में व्यंग्य पर चर्चा
आखिरी दिन के संवाद सत्र का विषय था- 'जाने भी दो यारों : सिनेमा में व्यंग्य'. फिल्म निर्देशक प्रमोद सिंह ने सिनेमा में निहित कॉमेडी की दुनिया को व्यंग्य की तरह समझने की अपील की हैं. फिल्म निर्देशक और कवि अविनाश दास ने कहा कि सबसे अच्छी एक्टिंग वही है, जो एक्टिंग नहीं है. आलोचक और इतिहासकार हितेंद्र पटेल ने कहा कि सिनेमा में कैसे व्यंग्य के माध्यम से विचार लाया जाए - यह महत्वपूर्ण प्रश्न है. उन्होंने कहा कि व्यंग्य के नाम पर सस्ते मनोरंजन की मांग मीडिल क्लास की मांग है, सामाजिक मांग नहीं. कवि आशुतोष दुबे ने कहा कि सिनेमा में व्यंग्य के बहाने हम जिन पात्रों पर हंसते हैं वह यह बताता है कि कोई समाज कितना सभ्य है. इस सत्र का संचालन सत्य व्यास ने किया.
कविता पाठ और नाट्य मंचन
कविता पाठ के सत्र में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए सुपरिचित कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया. इस सत्र के कवियों में उदय प्रकाश, आशुतोष दुबे, फरीद खां, झिलम त्रिवेदी (बांग्ला), विहाग वैभव व वसु-गंधर्व शामिल थे. इस सत्र का संचालन आनंद गुप्ता ने किया. अनुभवी गायक अजय राय की सुमधुर आवाज में काव्य संगीत की प्रस्तुति ने सभागार को संगीतमय बना दिया. इसके बाद 'विवेचना रंग मंडल' ने अरुण पांडेय के निर्देशन में 'निठल्ले की डायरी' नाटक का मंचन किया.
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सम्मान समारोह
नीलांबर के वार्षिक सम्मान सत्र में विनय शर्मा को 'रवि दवे सम्मान' से सम्मानित किया गया. उन्हें यह सम्मान सुप्रसिद्ध कवि-कथाकार उदय प्रकाश ने प्रदान किया. इस वर्ष का 'निनाद सम्मान' अजय राय को दिया गया. उन्हें यह सम्मान फिल्म निर्देशक और लेखक प्रमोद सिंह ने प्रदान किया. सम्मान सत्र का संचालन चयनिका दत्ता गुप्ता ने किया. पूरे आयोजन के लिए धन्यवाद ज्ञापन पूनम सिंह ने किया. आज के विभिन्न सांस्कृतिक सत्रों का संचालन पूनम सोनछात्रा, अनिला राखेचा और आकांक्षा आदित्य ने किया. तीन दिवसीय इस साहित्योत्सव में कोलकाता और इसके आसपास के अंचल के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से आए साहित्य-प्रेमी शामिल थे. आयोजन में रजा न्यास ने सहयोग किया.
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