साहित्य अकादेमी ने लाल किले में लगाई है नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर प्रकाशित पुस्तकों की प्रदर्शनी

अनुराग अन्वेषी | Updated:Jan 24, 2024, 05:55 PM IST

लाल किले में 31 जनवरी तक चलने वाली साहित्य अकादेमी की प्रदर्शनी देखते पीएम नरेंद्र मोदी.

Book Exhibition: नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 127वीं जयंती के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय ने प्रोजेक्शन मैपिंग शो और विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया है. 31 जनवरी 2024 तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में साहित्य अकादेमी ने सुभाषचंद्र बोस पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित लगभग 170 पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई है.

डीएनए हिंदी: लाल किले में साहित्य अकादेमी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित लगभग 170 पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई है. यह प्रदर्शनी 31 जनवरी तक चलेगी. बता दें कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 127वीं जयंती के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय ने लाल किले में नेताजी पर केंद्रित प्रोजेक्शन मैपिंग शो और विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया है. 31 जनवरी 2024 तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का उद्घाटन कल 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
इस अवसर पर साहित्य अकादेमी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित लगभग 170 पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन किया है. पुस्तकों की प्रदर्शनी के साथ ही उन पुस्तकों के प्रमुख अंश के 24 पैनल भी बनाए गए हैं, जिन्हें सुरुचिपूर्ण ढंग से प्रदर्शित किया गया है. 

सुभाषचंद्र बोस के विभिन्न पड़ाव

प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने प्रधानमंत्री को इन पैनलों और पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन कराया. इन पैनलों में सुभाषचंद्र बोस के जीवन के विभिन्न पड़ावों के बारे में बताया गया है. सुभाषचंद्र बोस की शिक्षा-दीक्षा से लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में उनके प्रवेश तक, सशस्त्र क्रांति की वकालत से कांग्रेस अध्यक्ष बनने तक की यात्रा यहां प्रदर्शित की गई है. इसके अलावा गांधी और नेहरू से सुभाषचंद्र बोस के मतभेद, आजाद हिंद फौज के निर्माण और अंग्रेजों से युद्ध आदि के बारे में भी बताया गया है. इन सभी पैनलों के आधार पर दर्शकों को यह समझाने की कोशिश की गई है कि सुभाषचंद्र बोस किस तरह देशभक्त, विद्वान, संघर्षशील नेता, दार्शनिक और अध्यात्म में गहरी रुचि लेने वाले शख्सीयत बने. 31 जनवरी तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में चित्र और पुरालेख प्रदर्शनी, चित्रकला एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी के साथ ऑडियो रियालिटी और वर्चुअल रियालिटी की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.

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