डीएनए हिंदी : साहित्य अकादेमी में आज शुक्रवार को ‘प्रवासी मंच’ का आयोजन किया गया. बता दें कि यह आयोजन तब किया जाता है जब भारतीय मूल का रचनाकार का यहां आता है. तो इस बार यह आयोजन अमेरिका के पिट्सबर्ग से आए अनुराग शर्मा पर केंद्रित था.
आज के आयोजन में अनुराग शर्मा ने अपने अप्रकाशित उपन्यास के एक अंश का पाठ किया. यह अंश एक मरे हुए व्यक्ति का आत्मसंस्मरण था, जो अतीत को इस तरह देख रहा है, मानो जिंदा रहते हुए भी वह जिंदा न हो. वह अपने रोजमर्रा का जीवन इस तरह बिता रहा था जैसे उसमें जीवन का कोई अंश ही न हो.
कहानी गंधहीन का पाठ
इसके बाद अनुराग शर्मा ने अपनी कहानी ‘गंधहीन’ का पाठ किया. यह कहानी विदेश में रह रहे एक ऐसे भारतीय परिवार की थी जिसके रिश्ते बिखर रहे थे. उनकी प्रस्तुत की गई अंग्रेजी कहानी एक ऐसी लड़की की कहानी थी जो विदेश से वापस भारत नहीं आना चाहती है और वहां के दुख भरे जीवन को अपनाने को तैयार है.
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अमेरिका में हिंदी पत्रिकाओं का हाल
बता दें कि अनुराग शर्मा ऑनलाइन मासिक पत्रिका सेतु के संस्थापक और संपादक हैं. रचना-पाठ के बाद उपस्थित श्रोताओं ने उनसे अमेरिका में हिंदी लेखन/प्रकाशन की स्थिति के बारे में कई सवाल पूछे. उन्होंने बताया कि वहां हिंदी किताबें पाना मुश्किल होता है. भारत से जब कोई आता-जाता है तभी किताबें मंगवा पाना संभव होता है, जिसे हमसब आपस में बांटकर पढ़ते हैं. कार्यक्रम का संचालन अकादेमी के संपादक (हिंदी) अनुपम तिवारी ने किया.
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