नई धारा का उदयोत्सव सम्पन्न, साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक को ‘उदयराज सिंह स्मृति सम्मान’

Written By अनुराग अन्वेषी | Updated: Nov 07, 2023, 06:15 PM IST

नई धारा के उदयोत्सव के उद्घाटन के मौके पर (बाएं से दाएं) माधव कौशिक, मधुसूदन आनंद, प्रमथराज सिन्हा.

Honor Ceremony: साहित्यिक पत्रिका नई धारा का वार्षिक समारोह उदयोत्सव के मौके पर साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक को ‘उदयराज सिंह स्मृति सम्मान’दिया गया. इस मौके पर 8 युवा कवि नई आवाजें सम्मान 2023 से सम्मानित किए गए. इस दिन मंजरी जारुहार की पुस्तक ‘मैडम सर’ के हिंदी अनुवाद का लोकार्पण किया गया.

डीएनए हिंदी : साहित्यिक पत्रिका ‘नई धारा’ के उदयोत्सव का आयोजन रविवार को मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम सभागार में किया गया. इस मौके पर साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. उन्होंने  उदयोत्सव के पहले सत्र में 18वां उदयराज सिंह स्मारक व्याख्यान दिया, जिसका विषय था ‘साहित्य का उद्देश्य एवं साहित्यकारों के उत्तरदायित्व.’ इस सत्र की अध्यक्षता भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक मधुसूदन आनंद ने की, जबकि संचालन ‘नई धारा’ के संपादक डॉ. शिवनारायण ने किया.
माधव कौशिक ने कहा कि साहित्यकार आमजन का प्रवक्ता होता है. वही आम आदमी के सुख-दुःख, आशा-निराशा, उसके स्वप्न और उनकी आकांक्षाओं का राजदूत समझा जाता है. वही है जो वर्तमान युग के छल-छद्म को निरावृत कर सच्चाई को सामने ला सकता है. इसलिए सभी रचनाकारों-साहित्यकारों की भूमिका पहले से अधिक जोखिम भरी होने के बावजूद ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि साहित्य के समक्ष चुनौतियां हमेशा से रही हैं. साहित्याकारों के लिए सुविधाजनक स्थिति कभी नहीं रही. शब्द-साधकों का जन्म ही अग्निपथ पर चलने और झंझावातों को झेलने के लिए हुआ.

माधव कौशिक को ‘उदयराज सिंह स्मृति सम्मान’
इस अवसर पर ‘नई धारा’ की ओर से माधव कौशिक को ‘उदयराज सिंह स्मृति सम्मान’ से विभूषित करते हुए उन्हें समारोह के अध्यक्ष मधुसूदन आनंद ने एक लाख रुपये सहित सम्मान-पत्र, प्रतीक चिह्न, अंगवस्त्र आदि अर्पित किए. ‘नई धारा’ के प्रधान संपादक डॉ. प्रमथराज सिंह ने चर्चित लेखिका अंजु रंजन (दिल्ली), चर्चित कथाकार दीर्घ नारायण (लखनऊ), चर्चित समालोचक राकेश शर्मा (इंदौर) और युवा कवि पंकज चौधरी (दिल्ली) को ‘नई धारा रचना सम्मान’ से नवाजते  हुए उन्हें 25-25 हजार रुपये सहित सम्मान-पत्र, प्रतीक चिह्न, अंगवस्त्र आदि अर्पित किए. वरिष्ठ लेखक मधुसूदन आनन्द ने कहा कि विगत 74 वर्षों से ‘नई धारा’ का सतत् प्रकाशन हिंदी में साहित्यिक पत्रकारिता की स्वर्णिम विरासत है, जिस पर तमाम हिंदी भाषियों को गर्व करना चाहिए. अपने समय के अच्छे साहित्य और साहित्यकारों का सम्मान किया जाना भी श्रेष्ठ संस्कृतिकर्म है, जिससे सभ्यता समृद्ध होती है.

सर्जना-कर्म एक उत्सव: राकेश शर्मा
सम्मानित लेखकों में कथाकार दीर्घ नारायण ने कहा कि साहित्य का सफर सच्चाई के साथ आगे बढ़ता है, इसलिए सत्ता-साधन मिट जाएंगे पर साहित्य और समाज नहीं. मुझे लगता है कि यथार्थ कहने का एक ढंग हो सकता है, साहित्य का उद्देश्य नहीं. रचना का एक साध्य है जीवन का रंग. ‘वीणा’ के संपादक राकेश शर्मा ने कहा कि मेरे लिए सर्जना-कर्म एक उत्सव है, जिसमें अहं से वयं की यात्रा पूरी होती है. हमारे समकाल में अनेक विसंगतियां हैं, जो लिखने की प्रेरणा देती हैं. युवा कवि पंकज चौधरी ने कहा कि मेरा परिचय मेरी कविताएं ही देती हैं. आत्मसम्मान और सामाजिक न्याय के लिए मैं बचपन से ही तड़पता और लड़ता रहा हूं. समकालीन कविता के बहुलांश को मैं बकवास मानता हूं, क्योंकि वहां देश की 80-85 फीसदी जनता की कथा-संवेदना गायब है. भारत को सुंदर और बेहतर बनाने के लिए पहले जाति समस्या का समाधान करना होगा. उदयोत्सव के पहले सत्र का समापन जेएनयू के प्रोफेसर डॉ. देवशंकर नवीन के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ.

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नई आवाजें काव्य प्रतियोगिता एवं सम्मान 2023
इस वर्ष 20 अगस्त से 20 सितंबर के बीच नई धारा ने युवा कवियों के लिए नई आवाजें काव्य प्रतियोगिता की घोषणा की थी और 18 से 35 वर्ष के रचनाकारों को अपनी कविताएं भेजने के लिए आमंत्रित किया था. देश भर से 1100 से अधिक रचनाकारों ने इस प्रतियोगिता के लिए अपनी कविताएं भेजीं. निर्णायक मंडल ने इनमें से 8 प्रतिनिधि रचनाकार चुने और 12 अन्य रचनाकार शॉर्टलिस्ट किए. इन 8 युवा रचनाकारों को ‘नई आवाजें सम्मान 2023’ से नवाजा गया. चुने गए युवा कवियों के नाम गौरव सिंह, हरदोई (24), किंशुक गुप्ता, कैथल (23), कुशाग्र अद्वैत, बनारस (25), मानवी वहाणे, बंगलुरू (25), हिमांक, नोएडा (22), निधि शर्मा, भोपाल (33), सत्यम तिवारी, गढ़वा (20), शारिक कमर, खटीमा (32) हैं. इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में कवि-पत्रकार प्रियदर्शन, व्यंग्यकार प्रेम जनमेजय और कवि-उपन्यासकार अनामिका शामिल थे.

‘मैडम सर’ पुस्तक लोकार्पण
कार्यक्रम के एक हिस्से में मंजरी जारुहार की पुस्तक ‘मैडम सर’ के हिंदी संस्करण का लोकार्पण किया गया. मंजरी जारुहार बिहार की पहली महिला आईपीएस हैं. इस पुस्तक में उन्होंने अपने जीवन और पुलिस सेवा में बिताए दिनों के संस्मरण दर्ज किए हैं. पुस्तक के लोकार्पण में राजकमल प्रकाशन के आमोद माहेश्वरी, लेखिका मंजरी जारुहार, कवि अनामिका, अनुवादक रंजना श्रीवास्तव उपस्थित थे. उनके साथ मंच पर उपस्थित थीं अनुवादक रंजना श्रीवास्तव और उनसे बातचीत की कवि डॉ अनामिका ने. इस कार्यक्रम का संचालन अवधेश त्रिपाठी ने किया.

बच्चों के लिए रचनात्मक लेखन वर्कशॉप

का भी आयोजन किया गया, जहां उन्हें अपने सपनों के पंख फैलाकर उड़ने और कहानियां गढ़ने का अवसर मिला. इसका संचालन किया मुदित श्रीवास्तव ने. मुदित लेखक व कवि हैं और बाल-साहित्य में विशेष रुचि रखते हैं. साथ ही उन्हें बच्चों, शिक्षकों आदि के साथ रचनात्मक लेखन की वर्कशॉप का सफल आयोजन करने का अनुभव है. मुदित के मार्गदर्शन में बच्चों ने चित्र बनाए, कहानियां और कविताएं लिखीं और सबके सामने उन्हें प्रस्तुत भी किया. 

संगीत संध्या
कार्यक्रम का समापन संगीत संध्या के साथ हुआ. सुविख्यात शास्त्रीय संगीत ग्रुप ‘दि अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव’ के सदस्यों ने अपने संगीत से कार्यक्रम में माधुर्य भर दिया. इस ग्रुप को स्थापित किया है अनिरुद्ध वर्मा ने, जो पियानिस्ट, संगीतकार और  प्रोडूसर हैं. भारत, कनाडा और अमेरिका से लगभग 150 कलाकार दी अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव का हिस्सा हैं. उदयोत्सव में शास्त्रीय गायन के साथ-साथ उन्होंने कुमार गंधर्व के कुछ निर्गुणी भजन भी प्रतुत किए. उनके संगीत से सराबोर श्रोता कई बार उनके संग-संग गाते, तालियों से संगत देते दिखाई दिए.

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