नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहा विश्व पुस्तक मेला रविवार को पुस्तक-प्रेमियों से खचाखच भरा रहा. एक तरफ जहां छोटे-बड़े हर उम्र के बच्चे हॉल नंबर 3 के बालमंडप में आयोजित होने वाली रचनात्मक गतिविधियों के साथ विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित पुस्तकों का आनंद लेते दिखे, वहीं युवा पाठकों की भीड़ अपनी भाषा, पसंदीदा विषय के पुस्तक छांटती दिखी.
पुस्तक प्रेमियों का जुनून ऐसा कि कोई अपने बच्चों को स्ट्रोलर पर लाया तो कोई अपने वृद्ध माता-पिता को व्हील चेयर के सहारे विश्व पुस्तक मेले की सैर कराता दिखा.
बच्चों की ट्रेनिंग
बालमंडप में प्रसिद्ध लेखिका और पूर्व आईएएस अधिकारी अनीता भटनागर आज आकर्षण का केंद्र बनी रहीं. उनसे कहानी सुनकर बच्चों ने अपने मन में उठे कई प्रश्न पूछे, जिनका जवाब पूरे धैर्य से अनीता भटनागर ने दिया. रूस से आईं लेखिका एल्योना करीमोवा ने चित्रकथा से रूस के 'तातार' समुदाय की एक दादी की मजेदार कहानी सुनाकर बच्चों को अभिभावकों की बात मानने को प्रेरित किया.
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लुभा रही हैं फैबरिक किताबें
एफ-17 हॉल नंबर 4 में स्काई कल्चर द्वारा तैयार की गई बच्चों की वॉशेबल फैबरिक पुस्तकें हैं, जो 6 महीने के बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई हैं. इन पुस्तकों की खूबी है कि ये वॉशेबल कपड़े पर तैयार की गई हैं ताकि बिना फटे, खराब हुए लंबे समय तक ये नन्हे-नन्हे बच्चों के पास रहे और उनमें चित्रों के माध्यम से तरह-तरह चीजों को समझने और पढ़ने की आदत विकसित की जा सके. ये फैबरिक किताबें हिंदी, कन्नड़, मलयालम, असमिया, कश्मीरी भाषाओं में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को दर्शाती हैं.
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साइबर क्राइम से बचने के टिप्स
विश्व पुस्तक मेले में आयोजित एक दिलचस्प सत्र 'हिडन फाइल्स-डिकोडिंग साइबर क्रिमिनल्स एंड फ्यूचर क्राइम्स' में भारत के साइबर क्राइम एक्सपर्ट अमित दुबे ने आरजे स्वाति के साथ अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने साइबर क्राइम से सावधान रहने के टिप्स देते हुए कहा कि अपराधी यूजर्स का मोबाइल फोन हैक नहीं करते, बल्कि दिमाग हैक करते हैं. अधिकतर बच्चे और युवा इसका शिकार होते हैं. इससे बचने के लिए बच्चों और युवाओं को साइबर क्राइम की किताबें पढ़नी चाहिए. मैंने अब तक करीबन दो लाख पुलिसवालों को प्रशिक्षित किया है, लेकिन आमलोगों के लिए साइबर क्राइम के प्रति सचेत करने के लिए कहानियां ही सबसे अच्छा माध्यम हैं.
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