नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहा विश्व पुस्तक मेला इस बार कई मामलों में पहले से बहुत अलग है. पहले प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन (नया नाम सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेनशन) पर उतरने के बाद जब आप पुस्तक मेले के लिए गेट नंबर 10 की ओर बढ़ते थे, तो फुटपाथ पर किताबों का मेला लगा दिखता था. हिंदी और इंग्लिश की कई सारी किताबें बिक रही होती थीं. इन किताबों के खरीदार भी आसानी से मिल जाते थे. लेकिन इस बार यह नजारा गायब है.
पुस्तक मेले के अंदर की बात की जाए तो इस बार पुस्तकों का यह मेला पहले के मुकाबले समृद्ध हुआ है, पुस्तक प्रकाशन की तकनीकें बदली हैं, पुस्तकों के रूप भी बदले हैं. अब यहां कई सारे स्टॉल पर ऑडियो बुक बिकते दिख रहे हैं.
आर्ट का बेहतर और रोचक माहौल
बाल साहित्य के स्टॉलों पर इस रविवार को भीड़ ज्यादा दिखी. मेले में लगे स्टॉलों में पहले के मुकाबले वेरायटी है. हॉल नंबर 3 जहां बच्चों की पुस्तकें ज्यादा हैं, वहां सिर्फ पुस्तक ही नहीं है, बल्कि ऑडियो बुक्स, स्टेशनरी के सामान, मनोरंजन के सामान और डेकोरेटिव आइटम के भी स्टॉल हैं. इतना ही नहीं, यहां तरह-तरह की एक्टिविटियों में बच्चों को शामिल कराया जा रहा है. आर्ट का एक बेहतर और रोचक माहौल दिख रहा है.
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रामायण के चरित्रों की तलाश
हॉल नंबर 3 की 'शांति पब्लिकेशन' की शिवानी बताती हैं कि इस बार उन्हें नए तरह का अनुभव हुआ. बच्चों की रुचि कार्टून किरदारों से ज्यादा अब रामायण के पात्रों में है. वे यहां रामायण के चरित्र वाले कॉमिक्स तलाश रहे हैं. ऐसी स्टोरी बुक की डिमांड कर रहे हैं जिसमें मेसेज किसी मोरालिटी से जुड़ा हो. वे कलरिंग के सामान मांग रहे हैं. डायमंड पब्लिकेशन के स्टॉल पर भी बच्चों और यंग हो रहे बच्चों की भीड़ ज्यादा दिखी.
बोलती रामायण
'बोलती रामायण' के स्टॉल पर बच्चे और उनके गार्जियन खूब पूछताछ करते दिखे. रामायण के ऑडियो बुक्स की आवाज सुनने के लिए 8 से 10 बरस के बच्चे उतावले हो रहे थे. यही हाल 'फ्लाई ड्रीम्स' के स्टॉल पर भी दिखा. 'इंडिया नेटबुक्स', 'लिट्ल बर्ड', 'नया रास्ता' जैसे प्रकाशकों के स्टॉल पर हर उम्र के पाठकों की दिलचस्पी बनी दिखी. जिन स्टॉल्स पर बच्चों के लिए कोई न कोई एक्टिविटी रखी गई थी, वहां बच्चे ज्यादा उत्साहित नजर आए. सबसे ज्यादा उत्साह उनमें स्केचिंग को लेकर दिखा. बीते सालों के पुस्तक मेले में ये सारी चीजें मिसिंग रहती थीं.
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पंचतंत्र में पैदा हुई रुचि
दरअसल, यह बदलते वक्त और लाइफस्टाइल का असर है कि ऑडियो बुक की डिमांड बढ़ी हुई दिख रही है. बच्चों में रामायण के प्रति जानने की इच्छा पहले के मुकाबले ज्यादा है. महाभारत, पंचतंत्र जैसी किताबें फिर से लोकप्रिय हो रही हैं. प्रगति मैदान के एमफी थियेटर में दोपहर बाद से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भीड़ खींच रहा है. पुस्तक मेले में घूमते-घूमते थक गए बुक लवर मुकाकाशी मंच के दर्शक दीर्घा में बैठ कर आराम करते और प्रस्तुतियों का लुत्फ उठाते देखे गए.
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