दिल्ली में विश्व पुस्तक मेला 2024 शुरू हो गया हैं. दिन के 12 बजकर 10 मिनट पर बजे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रगति मैदान के भारत मंडपम में मेले का उद्गाटन किया है. बता दें कि नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के हॉल नंबर एक से पांच तक में पुस्तकों का यह मेला लगाया गया है. इस बार अतिथि देश सऊदी अरब है. इसमें 40 देशों के 1000 से ज्यादा प्रकाशक शामिल हैं. विश्व पुस्तक मेले का मुख्य आकर्षण बच्चों से जुड़ी किताबें और गतिविधियां हैं.
राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय की हुई शुरुआत
मेले के उद्गाटन के बाद अतिथियों ने कुल चार पुस्तकों का लोकार्पण किया है. इस मौके पर राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय का भी उद्घाटन किया गया. इसमें हर उम्र के अनुरूप 23 भाषाओं की टेक्स्ट और ऑडियो बुक उपलब्ध हैं. ये किताबें मुफ्त में डाउनलोड की जा सकती हैं.
बच्चों के लिए आया 'ई-जादुई पिटारा', बना सबका आकर्षण
विश्व पुस्तक मेले में खास आकर्षण का केंद्र बच्चों के लिए आया 'ई-जादुई पिटारा' है, जो खेल-खेल में पढ़ाई की थीम पर डिजाइन है. यहां एआई के जरिए अनुदित मातृभाषा में सारे कंटेंट उपलब्ध होंगे. इसके अलावा जी-20, नारी शक्ति और विकसित भारत थीम पर आधारित तीन विशेष मॉड्यूल का लोकार्पण हुआ है.
पीएम मोदी की लिखी एग्जाम वॉरियर्स भी मेले में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लिखी पुस्तक 'एग्जाम वॉरियर्स' को नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) ने हिंदी और अंग्रेजी के अलावा इसे 11 भाषाओं में प्रकाशित किया है. इसे ब्रेल लिपि में भी लाया गया है. यह भी मेले में उपलब्ध है.
मन की बात अब किताब में
प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' पर आधारित किताब भी मेले में पेश की गई है. इसका प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट ने 13 भाषाओं में किया है. इस किताब के कुल तीन खंड हैं और इसकी प्रस्तावना को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है.
स्कूली बच्चों से भरा हॉल
इस मौके पर पूरे हॉल में स्कूली बच्चों की भीड़ लगी थी. कुर्सियों पर बैठने की जगह नहीं थी. खचाखच भरे हॉल में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए. इस पूरे कार्यक्रम का संचालन अंजुम शर्मा ने किया.
इंग्लिश लिटरेचर का बोलबाला
उद्घाटन समारोह शुरू होने से पहले कार्यक्रम संचालक अंजुम शर्मा ने बच्चों को इनवॉल्व करने के लिए लिहाज से पूछा कि यहां मौजूद कितने बच्चे कोर्स की किताबों से अलग भी पढ़ना चाहते हैं, इस पर पूरा हॉल बच्चों की आवाज से गूंज गया. फिर अंजुम ने पूछा कि कितने बच्चे इंग्लिश लिटरेचर पढ़ना चाहते हैं और कितने बच्चे हिंदी साहित्य. बच्चों ने हाथ उठा कर जो दिखाया उसमें इंग्लिश लिटरेचर पढ़ने की चाह रखने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा दिखी.
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