डीएनए हिंदी: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा में हर साल लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं. सरकारी अधिकारी बनने का सपना लिए लाखों लोग परीक्षा देते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही लोग अपनी मंजिल तक पहुंच पाते हैं. आज हम आपको एक ऐसी महिला आईएएस की कहानी बताने जा रहे हैं. जिन्होंने अपने जीवन में आने वाली तमाम कठिनाइयों को पार करते हुए इस परीक्षा में सफलता हासिल की. अपने दृढ़ निश्चय के बल पर उन्होंने कई अटेम्प्ट दिए और आखिर में परीक्षा में सफल हो गईं.
हम यहां पर बात कर रहे हैं इस निधि सिवाच की, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए कड़ा संघर्ष किया. हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली निधि सिवाच ने दसवीं पास करने के बाद ही इंजीनियरिंग करने का मन बना लिया था. 12वीं पास करने के बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में दाखिला लिया. उन्होंने अच्छे अंकों के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. निधि सिवाच को हैदराबाद की एक कंपनी में नौकरी भी मिल गई. दो साल तक निधि ने नौकरी की लेकिन इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि वह नौकरी नहीं करना चाहती बल्कि आईएएस बनना चाहती हैं.
पढ़ें- Chandrayaan 3 के Pragyan Rover के सामने आया गड्ढा, अचानक बदलना पड़ गया रास्ता
छोड़ दी नौकरी
प्रशासनिक सेवा में जाने का मन बनाने के बाद निधि ने इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी. जिसके बाद यूपीएसी की तैयारी शुरु कर दी. उनका पूरा फोकस यूपीएससी परीक्षा पर रहा लेकिन वह दो बार वह पेपर नहीं पास कर पाईं. ऐसे में उन्हें घरवालों की ओर से भी नौकरी का दबाव पड़ने लगा. इसके साथ परिवार वालों ने शादी की भी शर्त रख दी. घरवालों ने निधि को आखिरी मौका देते हुए कहा कि वह इस बार के एग्जाम में पास हो जाएं या शादी कर लें.
पढ़ें- Chandrayaan-3: लैंडर विक्रम ने कर ली पहली बड़ी खोज, जानें चांद के बारे में क्या खास बात पता चली
खुद को कमरे कर लिया था बंद
निधि ने परिवार की इस शर्त को स्वीकार कर लिया और अपनी तैयारी में लग गईं. उन्होंने और भी ज्यादा कड़ी मेहनत शुरु कर दी. उन्होंने खुद को अगले छह महीने के लिए एक कमरे में लॉक कर लिया. वह अपने कमरे से बाहर नहीं निकलती थीं और अपना सारा वक्त किताबों और पढ़ाई में देतीं थीं. निधि की कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्होंने इसके बाद जब यूपीएससी एग्जाम दिया तो 2018 में ऑल इंडिया 83वीं रैंक आई. यूपीएससी एग्जाम के लिए उन्होंने किसी कोचिंग संस्थान की मदद नहीं ली थी. वह गुजरात कैडर की आईएएस अफसर हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.