नौकरशाही में लेटरल एंट्री के फैसले से मोदी सरकार पीछे हटती नजर आ रही है. अब केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की चेयरमैन प्रीति सूदन को चिट्ठी लिखकर नोटिफिकेशन रद्द करने के लिए कहा है. यूपीएससी चेयरमैन को लिखी चिट्ठी में केंद्रीय मंत्री ने कहा- '2014 से पहले की गईं अधिकतर लेटरल एंट्री एड-हॉक पर की गई थीं जिसमें कथित पक्षपात के मामले भी शामिल थे, वहीं हमारी सरकार का प्रयास है कि यह प्रक्रिया संस्थागत रूप से संचालित और पारदर्शी हो.'
यह भी पढ़ें- क्या होती है UPSC की लेटरल एंट्री? सिविल सेवा में इसके तहत भर्ती निकालने पर विपक्ष ने क्यों उठाए सवाल
UPSC चेयरमैन को लिखी चिट्ठी में क्या है?
उन्होंने आगे लिखा कि 'पीएम नरेंद्र मोदी का मानना है कि लेटरल एंट्री खासतौर पर आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप होनी चाहिए. प्रधानमंत्री के लिए सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण हमारे सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है जिसका उद्देश्य अन्याय को दूर कर समावेशिता को बढ़ावा देना है.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछली सरकारों ने किसी आरक्षण प्रक्रिया का पालन किए बिना ही विभिन्न मंत्रालयों में सचिव और यूआईडीएआई में नेतृत्व की भूमिका जैसे पदों पर नियुक्तियां की थीं.
बता दें यूपीएससी ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री भर्ती के लिए कुल 45 पदों पर वैकेंसी निकाली थी, उसके बाद से ही विपक्षी नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और दूसरे विपक्षी नेता नौकरशाही में लेटरल एंट्री का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने बीजेपी पर आरक्षण छीनने का भी आरोप लगाया है.
यह भी पढ़ें- मेडिकल स्टूडेंट्स से PM मोदी का वादा- 'कॉलेजों में बढ़ाई जाएंगी 75,000 सीटें'
क्या होती है लेटरल एंट्री
लेटरल एंट्री के तहत मिड और सीनियर लेवल के सरकारी पदों पर बिना किसी परीक्षा के भर्ती की जाती है. इसमें राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे कई सेक्टर्स में लंबे समय से काम कर रहे एक्सपीरियंस्ड प्रोफेशनल शामिल होते हैं. UPSC में लेटरल एंट्री साल 2018 में शुरू की गई थी.
एजुकेशन की और खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर पाने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से