उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग UPPSC प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर होने वाली धोखाधड़ी से निपटने के उद्देश्य से कलर कोडेड एग्जामिनेशन पेपर्स की एक क्रांतिकारी प्रणाली को लागू करने के लिए तैयार है. यह पहल 30 जून को राज्य सरकार के उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2024 को मंजूरी दिए जाने के बाद की गई है.
1 जुलाई को औपचारिक रूप से अधिसूचित किए गए इस अध्यादेश में परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के लिए सख्त दंड का प्रावधान किया गया है, जिसमें पेपर लीक और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल लोगों के लिए आजीवन कारावास और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना शामिल है.
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नकल और लीक रोकने के लिए कैसी है UPPSC की तैयारी
अपनी परीक्षा प्रक्रिया को नकल और लीक से बचाने के लिए UPPSC ने उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (रेगुलेशन ऑफ प्रोसीजर) एक्ट में भी संशोधन किया है. इस संशोधन के तहत प्रत्येक लोक सेवा परीक्षा के लिए प्रश्नपत्रों के चार अलग-अलग सेट तैयार करने का प्रावधान है. इस बदलाव के पीछे का उद्देश्य नकल को रोकना और भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बनाए रखना है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नई प्रणाली में विभिन्न केंद्रों के परीक्षक प्रश्नपत्र तैयार करेंगे जिन्हें सीलबंद लिफाफों में रखा जाएगा. परीक्षा नियंत्रक की देखरेख में इन लिफाफों की बारीकी से निगरानी की जाएगी. तैयार किए गए चार सेटों में से दो को बिना किसी पूर्व निरीक्षण के छपाई के लिए चुना जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पेपर की गोपनीयता बरकरार रहे.
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क्या होगा मॉडरेटर का काम
मॉडरेशन प्रोसेस में प्रश्नपत्रों की कठिनाई स्तर का आकलन करना शामिल है. मॉडरेटर को सीलबंद लिफाफे मिलेंगे, वह उनका निरीक्षण करेंगे और बाद में उन्हें अलग-अलग पैकेट में सील कर देंगे जिसमें कोई पहचान चिह्न नहीं होगा. परीक्षा शुरू होने से पहले किसी भी संभावित लीक को रोकने के लिए सुरक्षा की यह कड़ी अहम है.
प्रश्नपत्रों के सिलेक्ट किए गए सेट दो अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस में भेजे जाएंगे, जहां उन्हें विभिन्न रंगों में तैयार किया जाएगा और उन्हें सीक्रेट कोड दिए जाएंगे. परीक्षा केंद्रों को रंगीन पेपर वितरित करने से पहले प्रिंटिंग प्रेस अपनी सील लगाएंगे जिससे परीक्षा प्रक्रिया की सुरक्षा और बढ़ जाएगी. यह सुधार यूजीसी-नेट, नीट यूजी और यूपी पुलिस कांस्टेबल योग्यता परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में पेपर लीक से जुड़े हालिया विवादों का जवाब है.
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