केंद्र की मोदी सरकार ने यूपीएससी की आयोजित भर्तियों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अहम कदम उठाया है. अब यूपीएससी परीक्षाओं में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स के लिए आधार आधारित प्रमाणीकरण लागू होने जा रहा है. हालांकि शुरुआती दौर में यह स्वैच्छिक आधार पर होगा. बुधवार को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इससे जुड़ा नोटिफिकेशन भी जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यूपीएससी को आधार अधिनियम, उसके नियम और उपनियम के साथ यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सभी प्रावधानों का पालन करना होगा.
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कैंडिडेट्स को मिलेगा हां या ना का विकल्प
नोटिफिकेशन के मुताबिक कार्मिक विभाग ने यूपीएससी को वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय और परीक्षाओं या भर्ती परीक्षण के विभिन्न चरणों में उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए स्वैच्छिक रूप से आधार प्रमाणीकरण के लिए अधिकृत किया है. इसमें Yes/No या e-KYC ऑथेंटिकेशन की सुविधा भी शामिल होगी.
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पूजा खेडकर विवाद के बाद सरकार का बड़ा कदम
इस फैसले का उद्देश्य यूपीएससी परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता को बढ़ाना है और यह कदम हाल ही में सिविल सेवा परीक्षा 2022 में आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी से जुड़े विवाद के मद्देनजर भी काफी अहम है.
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