16 सरकारी नौकरियों का ऑफर ठुकरा क्रैक की UPSC, जानें IPS तृप्ति भट्ट की सक्सेस स्टोरी
आज हम आपको एक ऐसी आईपीएस से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने यूपीएससी क्रैक करने के लिए 16 सरकारी नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया. जानें IPS तृप्ति भट्ट की सफलता की कहानी
प्रशासनिक सेवा में खासतौर पर IAS, IPS या IFS बनने का देश के कई युवाओं का सपना होता है. यूपीएससी की तैयारी करने के लिए कई लोग प्राइवेट और हाई सैलरी पैकेज वाली नौकरियां छोड़ देते है. आज हम आपको एक ऐसी आईपीएस से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने यूपीएससी क्रैक करने के लिए 16 सरकारी नौकरियों का ऑफर ठुकरा दिया.
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उत्तराखंड के अल्मोड़ा की से ताल्लुक रखने वाली तृप्ति भट्ट का पालन-पोषण शिक्षकों के परिवार में हुआ है. चार भाई-बहनों में तृप्टि सबसे बड़ी हैं. उन्होंने अल्मोड़ा के बीरशेबा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की और आगे की स्कूलिंग केंद्रीय विद्यालय से की. पंतनगर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) में सहायक प्रबंधक के रूप में अपना करियर शुरू किया.
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UPSC की कठिन परीक्षा क्रैक करने से पहले उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सहित विभिन्न सरकारी एजेंसियों से 16 नौकरी के ऑफर को ठुकराकर इस परीक्षा में ही खुद को समर्पित कर दिया. उनके बचपन में एक ऐसी घटना घटी जिसने उनका नजरिया पूरी तरह से बदल दिया.
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जब वह नौवीं कक्षा में थीं और उन्हें दिवंगत राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से मिलने का अवसर मिला. इस मुलाकात में पूर्व राष्ट्रपति ने उन्हें अपने हाथों से लिखा एक पत्र दिया और उन्हें राष्ट्रसेवा के लिए प्रोत्साहित किया.
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साल 2013 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा उन्होंने अपने पहले प्रयास में पास की और 165वीं रैंक हासिल की. उन्होंने आईपीएस सेवा का विकल्प चुना. उन्हें अपना होम कैडर मिला और उन्होंने देहरादून में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में अपना करियर शुरू किया. इसके बाद उन्होंने चमोली में एसपी के पद पर काम किया और बाद में टिहरी गढ़वाल में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के कमांडर की भूमिका निभाई. वर्तमान में वह देहरादून में खुफिया और सुरक्षा के लिए एसपी के पद पर तैनात हैं.