अमित कटारिया भारत के चर्चित नौकरशाहों में से एक हैं जिन्हें देश का सबसे अमीर आईएएस अफसर कहा जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी नेटवर्थ 8.90 करोड़ रुपये के करीब है. हालांकि उनकी अमीरी नहीं बल्कि उनकी देश और समाज की सेवा उन्हें दूसरों से अलग बनाती है. इतनी संपत्ति के बावजूद सिविल सेवा के लिए उनका समर्पण सराहनीय है और अपने कामों से वह जनता की आंखों के तारे बन गए हैं.
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हरियाणा के गुरुग्राम में जन्मे और पले-बढ़े अमित कटारिया ने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. उनकी स्कूलिंग आरकेपुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से हुई है. कटारिया ने साल 20023 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की थी. उन्होंने जिला कलेक्टर और ग्रामीण विकास विभाग में संयुक्ति सचिव सहित कई अहम प्रशासनिक भूमिकाएं निभाईं.
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आईआईटी में पढ़ाई के दौरान ही उनके मन में समाज सेवा के लिए अपने जुनून का एहसास हुआ. उन्होंने आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए यूपीएससी की तैयारी का रास्ता चुना. उनके पिता जो एक सरकारी स्कूल के टीचर थे, ने भी उन्हें काफी प्रेरित किया.
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अमित कटारिया की संपत्ति उनके परिवार के रियल एस्टेट के बिजनेस से आई है. उनकी पत्नी अस्मिता हांडा एक कॉमर्शियल पायलट हैं. साल 2015 में वह तब चर्चा में आए जब वह छत्तीसगढ़ के बस्तर के जिला कलेक्टर थे.
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उस दौरान पीएम मोदी वहां दौरा करने पहुंचे थे और कटारिया ने धूप का चश्मा पहनकर उनका अभिवादन किया. इसपर लोगों ने उन्हें सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया. इस विवाद के बावजूद एक सक्षम और समर्पित सिविल सेवक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा आज भी बरकरार है.