भारत में लाखों युवा यूपीएससी का एग्जाम क्रैक करने का सपना देखते हैं. UPSC की परीक्षा युवाओं की आईएएस, आईपीएस जैसे सिविल सेवक बनने के अपने सपने को पूरा करने का मौका देती है. यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. हर साल बड़ी संख्या में छात्र इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण केवल कुछ ही सफल हो पाते हैं और सिविल सेवक बनने का अपना लक्ष्य हासिल कर पाते हैं. ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है IPS आशना चौधरी की भी है.
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आशना उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुआ कस्बे से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता डॉ. अजीत चौधरी एक सरकारी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और उनकी मां इंदु सिंह गृहिणी हैं. आशना की स्कूलिंग कई स्कूलों से हुई है, जिनमें पिलखुआ का सेंट जेवियर्स स्कूल, उदयपुर का सेंट मैरी स्कूल और गाजियाबाद का दिल्ली पब्लिक स्कूल शामिल है. आशना बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थीं और 12वीं के बोर्ड में उन्हें 96.5 प्रतिशत अंक मिले थे.
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इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन से इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने साउथ एशियन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर डिग्री पूरी की. मास्टर्स की पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक एनजीओ के साथ भी काम किया जो वंचित बच्चों के लिए काम करता है.
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2019 में अपनी कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. तैयारी के दौरान उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया. एक साल की तैयारी के बाद उन्होंने 2020 में अपना पहला प्रयास किया हालांकि वह सफल नहीं हुईं और दूसरे प्रयास में भी असफलता ही उनके हाथ लगी.
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साल 2022 में अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने बिना किसी कोचिंग के परीक्षा पास की और 116वीं रैंक हासिल की. अस परीक्षा में उन्हें 2025 में से 992 अंक प्राप्त हुए. इसके बाद उनका सिलेक्शन इंडियन पुलिस सर्विसेज के लिए हुआ. आशना चौधरी सोशल मीडिया पर भी काफी पॉपुलर हैं और इंस्टाग्राम पर उनके 278,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं.