UGC का बड़ा ऐलान, अब ग्रेजुएशन के बाद सीधा कर सकेंगे Ph.D, मास्टर्स की जरूरत नहीं

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 15, 2022, 08:13 AM IST

चार साल के ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं पीएचडी

Ph.D. After 4 Year Graduation: यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि पीएचडी करने के लिए अब छात्रों को मास्टर की डिग्री करने की आवश्यकता नहीं है.

डीएनए हिंदी: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत बुधवार को जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि अब चार साल ग्रेजुएशन करने बाद छात्र सीधा पीएचडी (Ph.D) में एडमिशन ले सकेंगे. उन्हें अब आगे मास्टर डिग्री करने की आवश्यकता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि नए पैटर्न के तहत छात्र स्नातक के बाद सीधे पीएचडी कर सकते हैं. जगदीश कुमार ने साथ ही यह भी कहा कि चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स को पूरी तरह से लागू होने तक 3 साल की ग्रेजुएशन कोर्स को अभी बंद नहीं किया जा रहा है. 

यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय तीन और चार साल के कार्यक्रमों के बीच चयन कर सकते हैं. क्या विश्वविद्यालयों के लिए ऑनर्स डिग्री के चार साल के ढांचे की तरफ बढ़ना अनिवार्य है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘यह विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया गया है. मौजूदा 3 साल के स्नातक कार्यक्रम जारी रहेंगे चाहे उन्हें स्नातक डिग्री जैसे कि बीए, बी.कॉम, बी.एससी या स्नातक डिग्री ऑनर्स जैसे बीए (ऑनर्स), बी.कॉम (ऑनर्स), या बी.एससी (ऑनर्स) कहा जाए.’ उन्होंने कहा कि छात्र 4 साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP) का लाभ उठा सकते हैं और तीन साल के स्नातक प्रोग्राम में नए कोर्सेस पेश कर सकते हैं.

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FYUP को जल्द लागू करने पर काम
उन्होंने कहा कि पहला फायदा तो छात्रों के लिए यह होगा कि उन्हें Ph.D करने के लिए मास्टर डिग्री करने की जरूरत नहीं होगी. वह इसके लिए सिंगल या डबल मेजर भी ले सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि एफवाईयूपी के पूरी तरह से कब लागू होने की उम्मीद है, उन्होंने कहा कि ‘‘कोई समय सीमा नहीं है लेकिन हम FYUP को जल्द से जल्द लागू करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ काम कर रहे हैं.’ साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि चार साल का प्रोग्राम पूरी तरह लागू होने तक 3 साल के पाठ्यक्रमों को बंद नहीं किया जाएगा.

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यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे कुछ विश्वविद्यालयों ने पहले ही  FYUP लागू कर दिया है. कई अन्य विश्वविद्यालय 2023 सेशन से इसे लागू करने पर काम कर रहे हैं. कुछ वर्षों में कई विश्वविद्यालय इसे अपना लेंगे. उन्हें अपने कार्यक्रमों में सर्वश्रेष्ठ छात्रों को आकर्षित करने के लिए ऐसा करने की आवश्यकता है.’ एफवाईयूपी के फायदों के बारे में उन्होंने कहा, ‘पहला फायदा यह है कि उन्हें पीएचडी प्रोग्राम में शामिल होने के लिए मास्टर डिग्री लेने की जरूरत नहीं है. किसी विषय में गहरे ज्ञान के लिए वे एक से ज्यादा विषय भी ले सकते हैं.’ 

'च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम'
यूजीसी ने सोमवार को ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क को नोटिफाई किया था. मौजूदा ‘च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम’ को संशोधित करके प्रारूप विकसित किया गया है. कार्यक्रम के अनुसार, छात्र मौजूदा समय की तरह तीन साल के पाठ्यक्रम के बजाय केवल चार साल की ऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे. ऑनर्स डिग्री भी दो श्रेणियों ऑनर्स और ऑनर्स विद रिसर्च में प्रदान की जाएगी. 

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