Khalistan NCERT Row: NCERT की किताब से हटा 'खालिस्तान', कक्षा-12 की किताब में था 'सिखों के लिए अलग देश' शब्द

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 30, 2023, 09:39 PM IST

NCERT Sikhs Row: एनसीईआरटी की कक्षा-12 की पॉलीटिकल साइंस किताब में इस चैप्टर के कुछ अंश हटे हैं.

NCERT Books Controversy: इस साल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के पाठ्यक्रम को लेकर बार-बार विवाद उठ रहा है. इससे पहले मुगलों से जुड़े इतिहास को लेकर विवाद हुआ था.

डीएनए हिंदी: NCERT News- इस बार राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (National Council of Educational Research and Training) के पाठ्यक्रम से विवाद खत्म नहीं हो रहे हैं. अब NCERT ने कक्षा-12 की किताब से खालिस्तान (Khalistan) और सिखों के लिए अलग देश की मांग जैसे विवादित शब्दों को हटा दिया है. CBSE की कक्षा-12 की पॉलीटिकल साइंस की किताब में शामिल इन शब्दों को लेकर सिख समुदाय ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद NCERT ने इन शब्दों को पॉलीटिकल साइंस की दोनों किताबों से हटाने के बाद नया पाठ्यक्रम अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.

बयान जारी कर दी सभी को जानकारी

NCERT ने इस बारे में एक बयान जारी करते हुए सभी को जानकारी दी है. बयान में कहा गया कि आपत्तियां मिलने के बाद एक्सपर्ट कमेटी गठित की गई, जिसके सुझाव पर पाठ्यक्रम में सुधार किया गया है. NCERT ने कहा, पंजाब उप-शीर्षक के तहत तीसरे पैराग्राफ के अंतिम वाक्य से 'लेकिन इसे एक अलग सिख राष्ट्र के लिए एक दलील के रूप में भी समझा जा सकता है' लाइन को हटा दिया गया है. इस बयान की जगह 'भारत में संघवाद को मजबूत करने के लिए संकल्प एक दलील थी' लिखा गया है. उप-शीर्षक 'पंजाब' के चौथे पैराग्राफ के अंतिम वाक्य से, '... और खालिस्तान का निर्माण' लाइन भी हटा दी गई है.

SGPC ने जताई थी आपत्ति

पिछले महीने सिखों की सर्वोच्च गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी SGPC ने इस पर आपत्ति जताई थी. SGPC प्रमुख ने कहा था कि NCERT ने आनंदपुर साहिब प्रस्ताव के बारे में अपनी किताब Politics in India since Independence के चैप्टर-8 में Regional Aspirations नाम से भ्रामक जानकारी दी है, जिससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं. उन्होंने 1973 के प्रस्ताव के बारे में कहा कि यह राज्य के अधिकारों और संघीय ढांचे को मजबूत करने के बारे में बताता है. उन्होंने कहा था कि सिखों को अलगाववादी दिखाना उचित नहीं है, इसलिए NCERT को पाठ्यक्रम से आपत्तिजनक बातें हटानी चाहिएं. 

मुगल इतिहास को लेकर भी हो चुका विवाद

इससे पहले NCERT पर मुगल इतिहास को हटाने का भी आरोप लगा था. हालांकि बाद में NCERT ने स्पष्ट किया था कि पूरे मुगल इतिहास को नहीं हटाया गया है बल्कि कोरोना महामारी के बाद छात्रों पर बोझ कम करने के मकसद के साथ एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के बाद कुछ हिस्सों को किताबों से हटाया गया है.

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