NEET Paper Leak: सुप्रीम कोर्ट के नीट 2024 (NEET 2024) की काउंसिलिंग पर फिलहाल रोक लगाने से इंकार किया गया है. इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का पक्ष लेते हुए उसके ऊपर उठ रहे सवालों को खारिज किया है, लेकिन बिहार में नीट पेपर लीक (Bihar NEET Paper Leak) में हुी जांच पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से नए सवाल खड़े हो रहे हैं.
क्या था बिहार का पेपर लीक मामला
पूरे देश में नीट एग्जाम 5 मई को आयोजित किया गया था. इस एग्जाम से ठीक पहले पेपर लीक होने की बात सामने आई थी, जिससे हड़कंप मच गया था. बिहार पुलिस ने नीट एग्जाम पेपर के जले हुए टुकड़े बरामद किए थे, जिससे पेपर लीक होने की पुष्टि हो गई थी. इसके बाद ही NEET-UG 2024 की विश्वसनीयता पर सवाल उठने शुरू हुए थे. इसके बावजूद NTA ने अब तक बिहार पुलिस को यह नहीं बताया है कि बरामद हुए एग्जाम पेपर असली थे या नकली.
जांच में क्या बात आई थी सामने
- बिहार पुलिस को सबूत मिले हैं कि 35 उम्मीदवार को एग्जाम से पहले ही नीट-यूजी का पेपर और आंसरशीट दे दी गई थी.
- पुलिस ने जले हुए पेपर बरामद किए थे, जिनका मध्य प्रदेश और गुजरात से ट्रांसपोर्टेशन के दौरान लीक होने का लिंक जुड़ रहा है.
- बिहार पुलिस जूनियर इंजीनियर सिकंदर समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से नीट के कई एडमिट कार्ड मिले हैं.
- इनसे पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया है कि उनके पास पहले से ही एग्जाम पेपर मौजूद थे, इसलिए उन्होंने कई सॉल्वर बैठाए थे.
- जांच में सामने आया है कि प्रिंटिंग फर्म से NTA के नोडल सेंटरों पर, फिर स्थानीय बैंकों में और फिर परीक्षा केंद्रों पर पेपर भेजे गए थे.
- बिहार पुलिस की ईओडब्ल्यू को जांच में पता चला है कि नोडल सेंटरों से परीक्षा केंद्रों के बीच में ही एग्जाम पेपर कर्मचारियों की मदद से लीक हुए हैं.
करोड़ों रुपये का हुआ है खेल
- बिहार पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि एग्जाम पेपर लीक कराने के लिए हर उम्मीदवार से 30 लाख रुपये की रकम ली गई थी.
- दो उम्मीदवारों की फीस इस बात पर कम की गई थी कि वे पेपर लीक खरीदने वाले अन्य छात्रों को जमा कराने में मदद दे रहे थे. बिहार पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने एग्जाम से एक दिन पहले पेपर लीक करने की बात मानी है. इसके बदले कई करोड़ रुपये वसूले गए हैं. हालांकि दावा है कि यह गिरोह अरबों रुपये का धंधा चला रहा है, जिसके कुछ ही मेंबर अभी तक पकड़े गए हैं.
NTA क्यों नहीं कर रहा है कार्रवाई
बिहार पुलिस की जांच में अपराध की पुष्टि होने के बावजूद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है. पुलिस को मिले जले हुए पेपर के टुकड़ों की जांच भी नहीं करके दी गई है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि एनटीए ने इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है.
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