Modi Govt New Guidelines for Coaching Centers: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार निजी कोचिंग इंस्टीट्यूटों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए लगातार कदम उठा रही है. मोदी सरकार ने बुधवार को कुछ नए नियमों का ड्राफ्ट जारी किया है, जिनमें निजी कोचिंग इंस्टीट्यूशंस द्वारा भ्रामक व झूठे दावों वाले विज्ञापन जारी करने पर रोक लगा दी गई है. मोदी सरकार ने साफ कहा है कि यदि सौ फीसदी सफलता की गारंटी या 100% नौकरी मिलने की गारंटी जैसे झूठे दावे किए गए तो ऐसे कोचिंग इंस्टीट्यूट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही ये भी तय कर दिया गया है कि अब कोचिंग इंस्टीट्यूट एग्जाम में सफल होने वाले किसी भी छात्र का कमेंट या फोटो बिना उसकी लिखित सहमति के अपने विज्ञापन में उपयोग नहीं कर पाएंगे. इससे पहले जनवरी में भी मोदी सरकार ने कोचिंग इंस्टीट्यूशंस के लिए एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें 16 साल से कम उम्र के छात्रों को दाखिला देने पर रोक लगाई गई थी. साथ ही बिना सरकारी मंजूरी के कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलने पर भी रोक लगा दी गई थी.
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद बनाई गई हैं नई गाइडलाइंस
कोचिंग सेंटरों के झूठे दावों पर शिकंजा करने वाला ड्राफ्ट केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने तैयार किया है. यह ड्राफ्ट प्राधिकरण ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के खिलाफ लगातार शिकायतें मिलने के बाद तैयार कराया है. इन शिकायतों को लेकर CCPA अब तक 54 नोटिस जारी कर चुका है और 54.60 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुका है. उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी है.
'जानबूझकर जानकारी छिपाते हैं कोचिंग इंस्टीट्यूट'
निधि खरे ने मीडिया से कहा,'हम कोचिंग इंस्टीट्यूशंस का मार्गदर्शन करने के लिए गाइडलाइंस लेकर आए हैं, क्योंकि हमारी जांच में आया है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट जानबूझकर स्टूडेंट्स से जानकारी छिपाते हैं. सरकार कोचिंग इंस्टीट्यूशंस के खिलाफ नहीं है, लेकिन उपभोक्ता अधिकारों को नुकसान भी नहीं पहुंचाने दिया जा सकता है.'
क्या है नई गाइडलाइंस में
- कोचिंग इंस्टीट्यूट प्रस्तावित पाठ्यक्रम, अवधि, अध्यापकों की जानकारी, फीस और फीस रिफंड पॉलिसी को लेकर झूठा दावा नहीं कर सकते हैं.
- किसी भी एग्जाम में सफल होने की दर, रैंक और चयन की गारंटी या वेतन को लेकर किसी भी तरह का झूठा दावा भी कोचिंग नहीं कर सकते हैं.
- भ्रामक विज्ञापन रोकने को अकादमिक सहायता, शिक्षा, मार्गदर्शन, अध्ययन व ट्यूशन को कोचिंग इंस्टीट्यूट के दायरे में रखा गया है, लेकिन परामर्श, खेल और रचनात्मक गतिविधियों को इससे बाहर रखा गया है.
बिना सहमति नहीं कर पाएंगे सफल कैंडिडेट की डिटेल का इस्तेमाल
अब तक कोचिंग इंस्टीट्यूट सफल होने वाले कैंडिडेट्स के फोटो, कोट्स अपने विज्ञापनों में इस्तेमाल करते थे, जिससे कई बार विवाद की भी स्थिति बनी है. नई गाइडलाइंस में इसके लिए सफल होने वाले कैंडिडेट का नाम या तस्वीर या उनके नाम से इंस्टीट्यूट की प्रशंसा वाले कोट्स का उपयोग करने के लिए पहले उनसे लिखित सहमति लेनी होगी.
यह भी बताना होगी कि किस कोचिंग के लिए साथ जुड़ा था सफल कैंडिडेट
सीसीपीए चीफ निधि खरे कहा,'नई गाइडलाइंस में कोचिंग सेंटर को विज्ञापन में यह भी बताना होगा कि जिस कैंडिडेट की डिटेल्स का इस्तेमाल वे कर रहे हैं, उसने इंस्टीट्यूट में किस कोचिंग के लिए दाखिला लिया था. यह काम उन विवाद को दूर करने के लिए किया है, जो सिविल सर्विसेज एग्जाम में कई बार सामने आते हैं. अपने दम पर मुख्य परीक्षा तक पास करने वाले कैंडिडेट केवल इंटरव्यू की तैयारी के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट आते हैं, लेकिन उनके सफल होने के लिए इंस्टीट्यूट अपनी कोचिंग को कारण बताकर श्रेय लेने लगते हैं.' खरे ने कहा कि उल्लंघन करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जाएगा.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.