Exclusive: अपने आखिरी इंटरव्यू में क्या कहना चाहते थे 'भीम'

| Updated: Feb 08, 2022, 03:24 PM IST

praveen kumar sobti

लंबे समय से बीमार चल रहे थे प्रवीण कुमार सोबती. बीते साल दिसंबर में उन्होंने एक खास इंटरव्यू में जाहिर किया था अपने दिल का हाल-

डीएनए हिंदी: बीआर चोपड़ा की महाभारत में भीम का किरदार निभाकर दिलों को जीतने वाले प्रवीण कुमार सोबती (Praveen Kumar Sobti) नहीं रहे. 8 फरवरी की सुबह यह दुखद खबर लेकर आई तो कई बीती बातें भी आंखों के सामने आ गईं. हाल ही में उन्होंने जी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में भी अपना हाल-ए-दिल बयां किया था. 

'बुढ़ापे को नहीं मानता मैं'
74 साल के प्रवीण से जब उनकी सेहत के बारे में पूछा गया था तो उनका कहना था, 'मैं बिलकुल स्वस्थ हूं. मुझे कोई दिक्कत नहीं है. पांव में तकलीफ रहती है, बाकी कोई ऐसी दिक्कत नहीं है. मेरे शरीर में आज भी वही आग है, दिमाग भी तेज चलता है और बुढ़ापे को मैं नहीं मानता. बुढ़ापा इंसान के दिमाग में होता है.'

नहीं रहे Mahabharat के भीम Praveen Kumar Sobti, लंबे समय से थे बीमार

'आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है'
बीते दिनों उनकी आर्थिक स्थिति को लेकर मीडिया में कई तरह की खबरें आई थीं. कहा गया था कि वह पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं. जब इसे लेकर उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ' ये सरासर गलत बयान है. मैंने कभी नहीं कहा कि मेरी आर्थिक स्थिति खराब है. भगवान की दया से मेरे पास बहुत कुछ है और कभी दुनिया से जाऊंगा तो अपने पीछे कुछ छोड़कर जाऊंगा.' उन्होंने यह भी कहा कि मेरे बिना जाने, मुझे बगैर बताए सोशल मीडिया के जरिये ये सब लिखा जा रहा है. मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा.

यहां देखें वह खास इंटरव्यू

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पेंशन को लेकर हुआ था विवाद
साढ़े 6 फीट लंबे प्रवीण एक्टर बनने से पहले खिलाड़ी थे. उन्हें अर्जुन अवॉर्ड भी मिला. उन्होंने कई मेडल भी जीते. कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पंजाब सरकार की तरफ से खिलाड़ियों को पेंशन दी जाती है, वह पेंशन उन्हें नहीं जा रही है. उसके बाद उनके आर्थिक तंगी से जुड़ी खबरें मीडिया में आने लगी थीं. इस पर प्रवीण कुमार ने जी न्यूज को बताया था, ' मैंने सिर्फ पेंशन ना मिलने की बात कही थी, उसे तोड़-मरोड़कर मेरी आर्थिक स्थिति से जोड़ दिया गया. मैं सिर्फ इतना कहना चाह रहा था कि मुझे पेंशन मिलनी चाहिए सरकार की तरफ से, जो नहीं मिल रही है. इस पर पंजाब सरकार कोई जवाब भी नहीं देती है. ' प्रवीण कुमार एक जमाने में अंतरराष्ट्रीय एथलीट रहे थे. उन्होंने दो बार ओलंपिक, फिर एशियन गेम्स में चार, कॉमनवेल्थ में कई गोल्ड और सिल्वर मेडल हासिल किए. साल 1967 में प्रवीण कुमार को 'अर्जुन अवॉर्ड' से नवाजा गया था.

क्या Miss करते हैं
इस सवाल पर उन्होंने कहा था जब पंजाब अपने गांव जाता हूं तो बहुत खुशी होती है. जब वहां से वापस आता हूं तो बस शरीर वापस आता है, आत्मा वहीं रह जाती है. 

इंटरव्यू- राजू राज, जी न्यूज

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