डीएनए हिंदी: ये उस वक्त की बात है जब किसी लड़की का एक्ट्रेस होना अपराध जैसा माना जाता था. उस दौर में एक लड़की ने अपने कदम आगे बढ़ाए और बनी भारतीय सिनेमा की पहली अभिनेत्री. इनका नाम था देविका रानी. 30 मार्च 1908 को जन्मी देविका की कहानी आज भी एक मिसाल की तरह सामने आती है. जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें जो हर सिनेप्रेमी को पता होनी चाहिए-
इंग्लैंड से की एक्टिंग की पढ़ाई
9 साल की उम्र में ही उन्हें पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड भेज दिया गया था. वहां से उन्होंने रॉयल अकादमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट में एक्टिंग की पढ़ाई की. जब खुद उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा तो उनके अभिनय की तुलना मशहूर अमेरिकन एक्ट्रेस ग्रेटा गार्बो से की गई इसलिए उन्हें 'इंडियन गार्बो' भी कहा जाता था. वैसे उनके गर्म मिजाज स्वभाव की वजह से उन्हें 'ड्रैगन लेडी' भी कहा जाता था.
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पहली ही फिल्म में दिया किसिंग सीन
'कर्मा' फिल्म से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की और अपने बोल्ड अंदाज से सबको चौंका दिया. यह फिल्म सन् 1933 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में उन्होंने किसिंग सीन भी किया था. इस सीन को लेकर उन्हें काफी विरोध भी झेलना पड़ा, लेकिन वह हर तरह के विरोध का सामना करते हुए डटी रहीं और आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल कायम करती रहीं. 1936 में आई फिल्म 'अछूत कन्या' में देविका ने एक दलित लड़की का किरदार निभाया था. इस फिल्म के बाद उन्हें 'फर्स्ट लेडी ऑफ इंडियन स्क्रीन' की उपाधि दी गई थी. हालांकि 10 साल काम करने के बाद ही उन्होंने फिल्मों से संन्यास ले लिया. इस दौरान उन्होंने 15 फिल्मों में काम किया.
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यह उपलब्धियां रहीं खास
- सन् 1958 में भारत सरकार ने देविका रानी को पद्म श्री से भी नवाजा.
-सन् 1969 में फिल्म इंडस्ट्री में योगदान देने के लिए भारत सरकार ने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत की. इसकी सबसे पहली विजेता देविका रानी ही थीं.
- सन् 1990 में सोवियत रूस ने भी उन्हें सोवियत लैंड नेहरू अवॉर्ड से नवाजा था.
- सन् 2011 में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देविका रानी के जीवन की स्मृति में एक डाक टिकट भी जारी किया था.
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