डीएनए हिंदी: 'मेरी आवाज ही मेरी पहचान हैं' जैसा गाना गाने वाली लता मंगेशकर का जीवन भी इस गीत की मिसाल ही है. ईश्वर ने उन्हें ऐसी आवाज दी कि उन्हें हमेशा स्वर कोकिला कहकर याद किया जाता रहेगा. छह दशकों से ज्यादा समय तक उन्होंने संगीत की दुनिया को अपने सुरों से सजाया. लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30,000 से भी ज्यादा गाने गाए हैं. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने अपनी आवाज का इंश्योरेंस भी करवाया हुआ था.
सन् 1960 में उन्हें वोकल कॉर्ड्स में कुछ समस्या पैदा हुई थी. इस घटना के बारे में जिक्र करते हुए एक बार उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने यह खुलासा किया था. हृदयनाथ ने बताया था कि वोकल कॉर्ड्स में हुई उस समस्या के बाद लता ने अपने वोकल कॉर्ड्स का इंश्योरेंस करवा लिया था.
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उस दौरान लता मंगेशकर ने उस्ताद आमिर खान से अपनी समस्या शेयर की. उन्होंने लता दीदी को छह महीने तक मौन रहने की सलाह दी. एक साल तक लता मंगेशकर ने कोई गाना नहीं गाया. सन् 1962 में उन्होंने फिर से बॉलीवुड में वापसी की. उनका गाना था- कहीं दीप जलें कहीं दिल. इस गाने के लिए उन्हें बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड भी मिला था.
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वैसे लता मंगेशकर ही नहीं साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत ने भी अपनी आवाज का इंश्योरेंस करवाया हुआ है. उनके पास उनकी आवाज का कॉपीराइट भी है. मतलब कोई भी उनकी आवाज की मिमिक्री भी नहीं कर सकता उनकी परमिशन के बिना.
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