डीएनए हिंदी: 22 मार्च को विश्व जल दिवस होता है और इसका कनेक्शन बॉलीवुड से भी है. आखिर बॉलीवुड सिर्फ ग्लैमर ही नहीं सच भी दिखाता है और समस्याओं को भी उजागर करता है. बॉलीवुड में कई बार फिल्मों के जरिए पानी की कमी और जल संरक्षण के मुद्दे को लेकर जागरुकता लाने की कोशिश की गई है. क्या आप इन फिल्मों के बारे में जानते हैं?
लगान (2002)
आमिर खान की फिल्म लगान ने सिनेमा की दुनिया में एक नया ही इतिहास रचा था. अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये फिल्म क्रिकेट पर आधारित थी तो ऐसा नहीं है. इस फिल्म में सूखे की समस्या से जूझ रहे गांव को भी दिखाया गया था. जब बारिश आई थी, तभी गांववालों को कुछ राहत मिली थी. सूखे की वजह से ही गांव वाले अंग्रेजों को लगान नहीं दे पाए थे.
कौन कितने पानी में (2015)
कनाडा की एनजीओ वन ड्रॉप फाउंडेशन के साथ मिलकर निला माधब पंडा ने यह फिल्म बनाई थी. इस फिल्म में भी पानी की कमी से जुड़े मुद्दे को उठाया गया था. फिल्म में ये भी दिखाया गया था कि पानी का संरक्षण नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ियों को किन मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.
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जल (2014)
ये फिल्म रण ऑफ कच्छ में पानी की कमी से जुड़े मुद्दे पर बनी थी. फिल्म में पानी की कमी और उसके दुष्प्रभावों के इर्द-गिर्द प्यार, रिश्ते और परिस्थितियों का मजबूत ताना-बाना बुना गया था. फिल्म का निर्देशन गिरीश मलिक ने किया था. पूरब कोहली और तनिष्ठा चटर्जी ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी.
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वेन डन अब्बा (2010)
हैदराबाद के एक गांव की पृष्ठभूमि में बनी यह फिल्म एक आम आदमी की कहानी कहती है. एक ऐसा आम आदमी जो दुनिया भर में बढ़ती जा रही पानी की समस्या के चलते अपने खेत में एक कुआं खुदवाना चाहता है और इसके लिए उसे कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. फिल्म का निर्देशन मशहूर डायरेक्टर श्याम बेनेगल ने किया था. बोमन ईरानी और मिनीषा लांबा फिल्म में अहम भूमिका में थे.
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