डीएनए हिंदी: दिल्ली में एक हाईटेक साइबर क्राइम गैंग का पर्दाफाश हुआ है. जालसाजों ने कई बॉलीवुड और स्पोर्ट्स सितारों के नाम से बड़ी साइबर ठगी है. साइबर अपराधियों के इस गैंग ने सितारों के ऑनलाइन उपलब्ध गुड्स एंड सर्विस टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर(GSTIN) के जरिए पैन कार्ड डीटेल्स हासिल कर लिए और एक स्टार्टअप से लाखों की ठगी कर ली. ठगों ने पुणे बेस्ड फिनटेक स्टार्टअप 'वन कार्ड' से उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड बनवाए और जमकर शॉपिंग की.
शाहदरा के डिप्टी पुलिस कमिश्नर रोहित मीणा ने बताया कि धोखाधड़ी करने वालों ने अभिषेक बच्चन, शिल्पा शेट्टी, माधुरी दीक्षित, इमरान हाशमी और महेंद्र सिंह धोनी के नाम और उनके डीटेल्स का इस्तेमाल किया.
सितारों के नाम पर 21 लाख की साइबर ठगी
डीसीपी रोहित मीणा ने कहा है कि केस की जांच जारी है, इसलिए हम इस पर और टिप्पणी नहीं कर सकते. कंपनी को बाद में धोखाधड़ी का पता चला, लेकिन इससे पहले ही जालसाजों ने इनमें से कुछ कार्ड का इस्तेमाल कर 21.32 लाख रुपये के उत्पादों की खरीदारी कर ली थी.
21 लाख से ज्यादा की ठगी होने के बाद कंपनी ने तुरंत दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद इस केस से जुड़े 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि पांचों आरोपियों की पहचान पुनीत, मोहम्मद आसिफ, सुनील कुमार, पंकज मिश्रा और विश्व भास्कर शर्मा के तौर पर हुई है.
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कैसे सितारों के नाम का पैन कार्ड बनवा ले गए अपराधी?
साइबर ठगों के इस गैंग ने कंपनी को धोखा देने के लिए मिलकर काम किया और 21 लाख से ज्यादा की ठगी कर ली. सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि कैसे इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया. आरोपियों ने गूगल पर मौजूद मशहूर हस्तियों के GST डीटेल्सका इस्तेमाल किया. उन्हें यह बात पता थी GSTIN के पहले दो अंक राज्य का कोड और उसके बाद के 10 अंक पैन नंबर हैं. इन हस्तियों की जन्मतिथि भी गूगल पर मौजूद थी.
साइबर ठगों ने पैन नंबर और जन्मतिथि जानकर पैन डीटेल्स की पहचान कर ली. उन्होंने धोखे से पैन कार्ड को फिर से बनवाया और उस पर अपनी तस्वीर लगा दी, जिससे वीडियो सत्यापन के दौरान उनका चेहरा पैन और आधार कार्ड पर उपलब्ध तस्वीर से मेल खाए.
कई संस्थाओं से धोखाधड़ी का शक
रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिषेक बच्चन के पैन कार्ड में उनका पैन नंबर और जन्मतिथि थी, लेकिन आरोपियों में से एक की तस्वीर लगी थी. उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और यह संदेह है कि आरोपियों ने अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों से क्रेडिट कार्ड हासिल करने के लिए भी यही तरीका अपनाया होगा.
कैसे सामने आया राज?
पुणे स्थित कंपनी ने पुलिस में दर्ज कराई की शिकायत में कहा है, FPL टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड 'वन कार्ड' जारी करती है, जो एक संपर्क रहित क्रेडिट कार्ड है. साथ ही वन कार्ड और वन स्कोर एप के जरिये ऑनलाइन सेवाएं भी मुहैया कराई जाती हैं, जिससे ग्राहक इसे किसी वेबसाइट या एप पर ऑनलाइन लेन-देन या खरीदारी के लिए इस्तेमाल कर सकें.'
कंपनी ने आरोप लगाया कि इन जालसाजों ने अपने नाम पर जारी किए गए क्रेडिट कार्ड हासिल करने के लिए पैन और आधार संख्या जैसे डीटेल्स अपलोड करके ऐप के जरिए कंपनी से संपर्क किया था. (इनपुट: PTI)
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