Alok Nath Birthday: आलोक नाथ क्यों हैं 'संस्कारी बाबाजी' के किरदार में सबसे फिट एक्टर? जानिए

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 09, 2022, 11:21 PM IST

Aloknath

Alok Nath Birthday: फिल्मों में ज्यादातर किरदारों में संस्कारी बाबूजी का किरदार निभाने वाले आलोकनाथ अपनी एक्टिंग के जरिए लोगों में काफी मशहूर हैं. उन्होंने न सिर्फ अपने किरदारों से ये साबित किया है कि रुपहले पर्दे पर उनका कोई सानी नहीं है.

डीएनए हिंदी: Alok Nath Birthday: पिछले 20 साल से भी ज्यादा वक्त से जिसने भी बॉलीवुड फिल्म देखी हो वह शायद आलोक नाथ को पिता की भूमिका निभाने वाले शख्स के तौर पर जरूर देखा होगा. 80 के दशक से सैकड़ों फिल्मों में अभिनय करने के बाद, आलोक नाथ को बड़े पर्दे पर संस्कारी पिता के तौर पर काफी पसंद किया जाता है. आलोक नाथ 10 जुलाई को अपना जन्मदिन मनाते हैं. उनके 66 वें जन्मदिन पर एक नजर आलोक नाथ के किरदारों पर डालते हैं जिसमें दर्शकों के जेहन में उनकी एक अलग छवि पेश की है. आलोक नाथ के इन संस्कारी किरदारों के जरिए आप जानेंगे कि एक्टर अपने इस किरदार में सबसे फिट क्यों हैं? 

"मैंने प्यार किया" (1989)

आलोक नाथ शायद फैमिली फिल्मों में राजश्री प्रोडक्शन की तरफ से बनाई फिल्मों में कई बार नजर आ चुके हैं. साल 1989 में उन्होंने संस्कारी बाबूजी भूमिकाओं की कड़ी आलोकनाथ ने फिल्म की एक्ट्रेस भाग्यश्री के पिता की भूमिका निभाई थी.

"हम आपके हैं कौन" (1994)

अपने दौर की क्लासिक फैमिली फिल्म हम आपके हैं कौन में आलोक नाथ ने प्रेम और विवेक के पिता नहीं बल्कि उनके चाचा थे जिन्होंने उन्हें अपने बेटों की तरह पाला. इस फिल्म में उन्होंने संस्कारों की अत्यधिक भावना का प्रदर्शन किया साथ ही रीमा लागू के साथ उनकी केमिस्ट्री कमाल की थी.

"परदेस" (1997)

सुभाष घई के निर्देशन में बनी फिल्म परदेस भारत और विदेशों में दर्शकों के बीच काफी मशहूर है. आलोक नाथ एक संस्कारी लड़की गंगा (महिमा चौधरी) के पिता के किरदार में हैं, जिसकी शादी एनआरआई लड़के राजीव से होती है. इस फिल्म में विदेशी और भारतीय संस्कृति में पिता के किरदार की दुविधाओं को दर्शाते हुए आलोक नाथ ने शानदार एक्टिंग की थी.

"ताल" (1999)

साल 1999 की इस फिल्म में तारा बाबू के रूप में आलोक नाथ ने मानसी (ऐश्वर्या राय) के पिता की भूमिका निभाई है. फिल्म में आलोक नाथ एक साधारण, पारंपरिक शख्स के किरदार में थे जो शौकिया तौर पर संगीतकार हैं और एक सम्मानित परिवार से ताल्लुक रखते थे. जब मानसी को अमीर शहर के लड़के मानव (अक्षय खन्ना) से प्यार हो जाता है, तो तारा बाबू अपनी बेटी के खिलाफ हो जाते हैं. इस फिल्म को म्यूजिकल फिल्म के तौर पर माना जाता है.

"हम साथ साथ हैं" (1999)

एक बार फिर राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म में नजर आने वाले आलोक नाथ ने एक बड़ी फैमिली और बिजनेस को बखूबी संभाला. पारिवारिक संस्कारों को फिल्म के जरिए अपने जेहन में उतार लेना आलोक नाथ को बखूबी आता है. फिल्म में बड़े स्टार कास्ट की टीम थी. यह फिल्म फैमिली के तौर पर खास पसंद की जाती है.

"विवाह" (2006)

राजश्री प्रोडक्शन की चर्चित फिल्म में आलोकनाथ ने पूनम (अमृता राव) के चाचा कृष्णकांत की भूमिका निभाई, जिन्होंने उसे अपनी बेटी के तौर पर पाला. इस भूमिका में कृष्णकांत एक बेटी और उसके पिता के बीच के संबंधों की निकटता को बखूबी दिखाते हैं. एक ऐसे समाज में जो अक्सर बेटियों को एक बोझ के रूप में लेता है, विशेष रूप से उनकी शादी के संबंध में, यह फिल्म आलोक नाथ के करियर की एक और मास्टरपीस थी.

"सपना बाबुल का .. बिदाई" (2007-2010)

फिल्मों की दुनिया से इतर आलोक नाथ ने टीवी की तरफ रुख किया और स्टार प्लस के टीवी सीरियल "सपना बाबुल का... बिदाई" एक मामा के किरदार में देखा गया, अपनी जिम्मेदारियों में पिता जैसे थे. इस सीरियल में आलोक नाथ के किरदार को फैंस ने काफी पसंद किया.

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