डीएनए हिंदी: हिंदी सिनेमा की दिग्गज अदाकारा आशा पारेख (Asha Parekh) को जल्द ही दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड (Dadasaheb Phalke Award) से सम्मानित किया जाएगा. फिल्म इंडस्ट्री का ये सबसे बड़ा सम्मान उन्हें इंडस्ट्री में योगदान के लिए दिया जा रहा है. आशा ने विमल रॉय की फिल्म 'मां' से बॉलीवुड में कदम रखा था. उन्होंने अपने करियर में 95 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. हालांकि एक्ट्रेस अपनी प्रोफेशनल लाइफ से ज्यादा पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रही हैं. अदाकारा ने ताउम्र शादी नहीं की थी इसके पीछे वजह थी उनका प्यार.
आशा पारेख ने बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशकों के अलावा शानदार कलकारों के साथ भी काम किया. उन्होंने धर्मेंद्र और राजेश खन्ना, मनोज कुमार और सुनील दत्त जैसे कई बेहतरी कलाकारों के साथ काम किया है. अब वो फिल्मों से दूर हैं. चलिए बताते हैं एक्ट्रेस के बारे में कुछ दिलचस्प बातें
जब शादीशुदा डायरेक्टर को दे बैठी थीं दिल
आशा पारेख हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर और आमिर खान के चाचा नासिर हुसैन से प्यार करती थीं. दोनों के बीच इश्क तो था पर आशा उनकी जिंदगी में शामिल नहीं हो सकीं. दरअसल वो जिससे प्यार करती थीं, वो शादीशुदा था. आशा पारेख नहीं चाहती थीं कि दुनिया उन्हें होम ब्रेकर यानी घर तोड़ने वाली महिला कहें. बस इसी वजह से आशा पारेख ताउम्र सिंगल रहीं.
इस बात का खुलासा आशा पारेख ने अपनी बायोग्राफी 'द हिट गर्ल' में किया था. वो लिखती हैं कि उन्हें नासिर साहब के परिवार से बहुत प्यार था. नासिर साहब को पाने के लिए वो उनके घर को तोड़ना नहीं चाहती थीं. वह नहीं चाहती थीं कि दुनिया उन्हें घर तोड़ने वाली महिला कहें. यही वजह थी कि नासिर साहब की जिंदगी में आशा पारेख ना सकीं और ना ही कोई और उनकी जिंदगी में आ सका.
आशा पारेख ने एक इंटरव्यू के दौरान शादी के सवाल पर कहा था कि उन्हें इस बात का बिल्कुल अफसोस नहीं कि उन्होंने शादी नहीं की या उनके बच्चे नहीं हैं. हर्पन बाजार मैगजीन को दिए इंटरव्यू में आशा पारेख ने कहा, उन्हें लगता है कि उनकी शादी होना तय नहीं था. एक्ट्रेस ने साथ ही कहा, शादी करना और मां बनना उन्हें अच्छा लगता लेकिन ऐसा नहीं होना था, हालांकि उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अफसोस नहीं है.
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नासिर हुसैन की आशा पारेख की हिट फिल्में
मशहूर फिल्म निर्देशक नासिर हुसैन ने आशा पारेख को लेकर कई फिल्में बनाईं. इनमें 'जब प्यार किसी से होता है (1961)', 'फिर वही दिल लाया हूं (1963)', 'तीसरी मंजिल (1966)', 'बहारों के सपने (1967)', 'प्यार का मौसम (1969)' और 'कारवां' (1971) जैसी फिल्मों में सफलता हासिल की.
इसके अलावा आशा की हिट फिल्मों में 'दो बदन' (1966), 'चिराग' (1969), 'मैं तुलसी तेरे आंगन की (1978)' और 'कटी पतंग' शामिल हैं. फिल्म 'कटी पतंग' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला था.
एक्ट्रेस को मिल चुका है ये सम्मान
आशा पारेख को 1992 में पद्म श्री पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. उन्हें 2001 में फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार और 2006 में अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वो 1998 से 2001 तक सेंसर बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष रहीं.
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