डीएनए हिंदी: बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) ने साल 1998 में कथित रूप से काले हिरणों का शिकार किया था. जोधपुर के काकाणी गांव में किए इस काले हिरण के शिकार को लेकर सलमान खान तीन दशकों से जोधपुर कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं. वहीं अब बिश्नोई समाज काले हिरण का स्मारक बनाने जा रहा है. जोधपुर में काले हिरण का स्टेच्यू बनकर तैयार है और जल्द ही शिकार वाली जगह पर काकाणी गांव में ये स्थापित भी कर दिया जाएगा.
देशभर में सलमान खान के काले हिरण शिकार का मामला चर्चा में रहा है. एक्टर पर राजस्थान के जोधपुर के कांकाणी गांव में काले हिरण के शिकार का आरोप लगा था. पिछले तीन दशक के मामले को लेकर सलमान पर मुकदमा चल रहा है. इसी बीच इस क्षेत्र से बड़ी खबर आई है कि जहां कांकाणी हिरणों की मौत हुई थी अब उसी जगह पर उनके सम्मान में स्मारक बनाया जाएगा. इस गांव के लोग हिरण को अपनी पहचान मानते हैं और कहते हैं कि हिरण का जिंदा रहना जरूरी है.
कहा जा रहा है कि जिस जगह पर हिरण मृत पाया गया था, उसी जगह पर एक भव्य स्मारक और एक पशु बचाव केंद्र का निर्माण किया जा रहा है. स्मारक लगभग 7 बीघा जमीन पर कंकणी गांव में बनाया जाएगा. इस स्मारक के लिए 800 किलो वजनी काले हिरण की 3 फुट की विशाल मूर्ती भी लगाई जाएगी. साथ ही पशु-पक्षियों के इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर भी बनाया जाएगा. कंकणी गांव के निवासियों ने पैसे इकट्ठा करके पूरे मंदिर का निर्माण किया है.
खास बात ये है कि जोधपुर के सिवांची गेट पर एक स्थानीय मूर्तिकार शंकर ने 15 दिनों में ये हिरण की मूर्ति तैयार की है. मूर्ती पर लगे सींग हिरण के ही हैं. जंगल में मृत हिरणों के अवशेषों से सींग बनाए गए हैं. ग्रामीणों के अनुसार आने वाली पीढ़ियों के लिए जानवरों की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. मंदिर उन्हें जानवरों की रक्षा करने की याद दिलाएगा.
एएनआई से बात करते हुए, पूर्व सांसद और बिश्नोई समाज के प्रतिनिधि जसवंत सिंह बिश्नोई ने कहा, 'हिरण हमारी पहचान है और उनका जीवित रहना जरूरी है. मंदिर के निर्माण के बाद, हम अगली पीढ़ी को गुरु जंभोजी महाराज की सीख देंगे. जांभोजी महाराज ने कहा था कि सर कटे रुख बचे तो भी सस्ता जान, जिसका मतलब है कि सिर काट भी दिया जाए, बिश्नोई समाज के युवाओं को हर कीमत पर पर्यावरण, पेड़ और जानवरों को बचाने के लिए तैयार रहना चाहिए.
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फिलहाल काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर कोर्ट ने सलमान खान को जमानत दे दी थी. सलमान खान पर 26-27 सितंबर, 1998 को भवाद गांव में दो चिंकारा और 28 सितंबर, 1998 को मथानिया में एक चिंकारा का शिकार करने के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 51 के तहत मामला दर्ज किया गया था. 1998 में अपनी फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान जोधपुर में दो काले हिरणों को मारने के दोषी पाए जाने के बाद सलमान को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
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इसके अलावा अन्य चार आरोपियों - अभिनेता सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को इस मामले में बरी कर दिया गया था. इससे पहले, जोधपुर जिला और सत्र न्यायालय ने राजस्थान सरकार द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि सलमान खान ने काला हिरण शिकार मामले में शस्त्र अधिनियम से संबंधित झूठा हलफनामा पेश किया था.
इस मामले में तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम और सैफ अली खान भी आरोपी थे और उन पर सलमान खान को शिकार के लिए उत्तेजित करने का केस चल रहा था.
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