डीएनए हिंदी: Dadasaheb Phalke Award For 2020: बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस आशा पारेख (Asha Parekh) को भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने का फैसला लिया गया है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने हाल ही में ऐलान भी कर दिया है. आशा को ये अवॉर्ड 30 सितंबर को दिया जाएगा. ये बड़ा सम्मान उन्हें हिंदी सिनेमा में शानदार योगदान के लिए दिया जा रहा है. आशा पारेख 60s-70sके दौर की सुपरहिट एक्ट्रेसेस में गिनी जाती हैं. उन्होंने दशकों तक एक से बढ़कर फिल्में दी हैं. इसके ऐलान के बाद से ही उन्हें चारों तरफ से बधाइयां मिलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है.
Asha Parekh को डांस करते देख डायरेक्टर ने लिया था फैसला
79 वर्षीय आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 में हुआ था. उन्होंने सिनेमा में कदम बेहद कम उम्र में रखा था. आशा, पर्दे पर पहली बार एक बाल कलाकर के रूप में दिखाई दी थीं. उस वक्त उनकी खूबसूरती और क्यूटनेस देखकर सभी उन्हें 'बेबी मीना' कहा करते थे.
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बताया जाता है कि एक बार किसी फंक्शन में डायरेक्टर बिमल रॉय ने आशा को स्टेज पर डांस करते हुए देखा था और उन्हें दुनिया के सामने लाने का फैसला कर लिया था. यही वजह है कि 10 साल की उम्र में वो फिल्मों में नजर आ गई थीं. आशा पहली बार बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट 'मां' फिल्म में नजर आई थीं इसके बाद उन्हें फिल्म 'बाप बेटी' में भी काम करने का मौका मिला था.
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16 की उम्र में पहली फिल्म
आशा ने 16 साल की उम्र में बतौर एक्ट्रेस अपना करियर शुरू किया था. लीड एक्ट्रेस के तौर पर आशा की पहली फिल्म थी 'दिल देके देखो' जो 1959 में आई थी. नासिर हुसैन की इस फिल्म में आशा ने अभिनेता शम्मी कपूर के अपोजिट काम किया था. फिल्म सुपरहिट साबित हुई और फिर आशा ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दीं.
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