अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) से लेकर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) तक, बॉलीवुड में कई स्टार हैं, जिन्होंने इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. हालांकि इन स्टार्स के लिए इंडस्ट्री में शुरुआती दौर संघर्ष भरा रहा था. वहीं, आज हम एक ऐसे ही एक्टर के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो कि कभी सैंडविच बनाता और बेचता था, लेकिन बाद में वह बॉलीवुड का सुपरस्टार बन गया.
दरअसल, हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में लगातार तीन फ्लॉप फिल्में दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने बॉलीवुड पर राज किया है. वह इंडस्ट्री के सबसे सफल एक्टर्स में से एक हैं. वह कोई और नहीं बल्कि दिलीप कुमार हैं.
दिलीप कुमार का जन्म ब्रिटिश भारत के समय शहर पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार इलाके में अवान हिंदकावन मुस्लिम परिवार में हुआ था. वह पेशावर के उसी पड़ोस में पले बढ़े हुए, जहां राज कपूर थे, जो कि उनके बचपन के दोस्त भी हुआ करते थे.
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ब्रिटिश कैंटीन में किया काम
फिल्मों में आने से पहले दिलीप कुमार अपना घर चलाने के लिए ब्रिटिश आर्मी कैंटीन में काम किया करते थे. वह यहां पर सैंडविच बनाते थे और उनके सैंडविच काफी पसंद किए जाते थे. यहां काम करते हुए दिलीप कुमार ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक भाषण भी दिया था, जिसे सरकार विरोधी माना गया था और उन्हें यरवदा जेल में डाल दिया गया था. वे कई दिनों तक जेल में रहे और भाषण के कारण लोग उन्हें गांधीवाला कहने लगे थे.
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किया कई शानदार फिल्मों में काम
इसके बाद उन्होंने 1944 में फिल्म ज्वार भाटा से अपना एक्टिंग करियर शुरू किया. मुहम्मद यूसुफ खान के रूप में जन्मे दिलीप कुमार ने इंडस्ट्री में आने से पहले अपना नाम बदल लिया था और अपनी पहली फिल्म की निर्माता देविका रानी के सुझाव के अनुसार उन्होंने हिंदू नाम अपनाया था. दिलीप कुमार की पहली तीन फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं थी. हालांकि उनकी चौथी फिल्म जुगनू थी, जो कि बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और उसके बाद उन्होंने अपने करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने शहीद, मेला, अंदाज, बरसात और कई शानदार फिल्मों में काम किया.
ट्रेजडी किंग कहलाए दिलीप
1950 में दिलीप कुमार बॉलीवुड इंडस्ट्री पर राज कर रहे थे. यह दशक उनके लिए शानदार रहा था. इस दौरान उन्होंने जोगन, बाबुल, दीदार, तराना, दाग, आन, उड़न खटोला, इंसानियत, देवदास, नया दौर, यहूदी, मधुमती और पैगाम जैसी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रही. वह अपनी कई फिल्मों के कारण ट्रेजडी किंग कहलाए.
दिलीप कुमार को मिले कई सम्मान
दिलीप कुमार ने 50 सालों से ज्यादा समय तक बॉलीवुड इंडस्ट्री पर राज किया और बाद में 2000 से 2006 तक भारत की संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा के सदस्य के तौर पर भी काम किया. फिल्म में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था और 2015 में पद्म विभूषण से. उन्हें 1994 में सिनेमा के क्षेत्र में भारत के सबसे सम्मानित दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. 1998 में पाकिस्तान सरकार ने दिलीप कुमार को हाईएस्ट सिविलियन निशान ए इम्तियाज से सम्मानित किया था, जिससे वह यह पुरस्कार पाने वाले एकमात्र भारतीय बन गए थे.
दिलीप कुमार के नाम है शानदार बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड
इसके अलावा 80 प्रतिशत से ज्यादा बॉक्स ऑफिस सफलता और कई लंबे समय से चले आ रहे सकल रिकॉर्ड के साथ, दिलीप कुमार कथित तौर पर हिंदी सिनेमा में इकलौते ऐसे स्टार हैं, जो सबसे शानदार बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड रखते हैं. हालांकि लंबी बीमारी के बाद एक्टर का निधन हो गया था.
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