डीएनए हिंदी: आदित्य नारायण(Aditya Narayan) बॉलीवुड के बेहतरीन सिंगर्स में से एक हैं. सभी जानते हैं कि वे बॉलीवुड के फेमस सिंगर उदित नारायण(Udit Narayan) के बेटे हैं. वहीं, हाल ही में आदित्य नारायण ने डीएनए से खास बातचीत की है और संदीप रेड्डी वांगा(Sandeep Reddy Vanga) के निर्देशन में बनी फिल्म एनिमल(Animal) को लेकर अपने विचार शेयर किए हैं. क्योंकि इन दिनों रणबीर कपूर9Ranbir Kapoor) स्टारर इस फिल्म को लेकर लोग काफी आलोचना कर रहे हैं और इस पर आदित्य ने एनिमल का समर्थन किया है.
जैसा कि सभी जानते हैं कि इन दिनों रणबीर कपूर की फिल्म एनिमल को लेकर काफी चर्चा हो रही है. कुछ लोगों का मानना है कि फिल्म में बहुत ज्यादा हिंसा दिखाई गई है और इसमें रणबीर कपूर का किरदार महिलाओं के प्रति टॉक्सिक बर्ताव को बढ़ावा देता है.इसी को लेकर हाल ही में सिंगर आदित्य नारायण से इंटरव्यू के दौरानजब सवाल किया गया कि वो फिल्म एनिमल को लेकर क्या सोचते हैं और इसमें क्या सही और गलत है. इसपर आदित्य ने कहा कि वो अगर थिएटर जाते हैं तो मैं वहां पर एजुकेशनल उद्देश्य से नहीं जाते हैं और अगर मुझे पढ़ना होता है तो मैं स्कूल या फिर यूनिवर्सिटी जाता हूं और जब मैं थिएटर जाता हूं तो सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए जाता हूं. उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई फिल्म अच्छा सोशल मैसेज देती है तो अच्छी बात होती है,लेकिन हर फिल्म की ये जिम्मेदारी नहीं होती है, क्योंकि कला इंसान के हर इमोशन को दिखाती है और ह्यूमैनिटी में हर कोई अच्छी इंसान नहीं है और हर कोई बुरा नहीं है.
फिल्म एनिमल को लेकर बोले आदित्य
इसके आगे उन्होंने कहा कि एक फिल्म कभी किसी हीरो तो कभी किसी विलेन की कहानी होती है. उन्होंने कहा कि एनिमल एक अडल्ट फिल्म है, ये 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए है और जब तक आप 18 साल के होते हैं, तो बहुत कुछ कर सकते हैं और एक फिल्म को आप फिल्म की तरह देखें. ताकि आप सही और गलत का चुनाव कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए एक जिम्मेदार आ गई है फिल्म मेकर्स के ऊपर, जो कि गलत है. मैं एक कलाकार को कभी भी ये नहीं कहूंगा कि गलत इमोशन को मत दिखाओ. उन्होंने हॉलीवुड फिल्म जोकर का उदाहरण देते हुए कहा कि उस फिल्म में एक व्यक्ति के बारे में दिखाया जाता है जो सभी के सामने टीवी होस्ट को गोली मार देता है. तो हमें उसकी समझ है कि क्या सही है और क्या गलत है. उन्होंने कहा कि एनिमल को एक फिल्म की तरह लेना चाहिए उसे एंजॉय करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि एक एक्टर अगर हमेशा अच्छा रोल करेगा तो वो आर्टिस्ट कैसे कहलाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फिल्म अगर 800 करोड़ का कलेक्शन कर रही है तो लोग उसे पसंद कर रहे हैं.
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क्या हिंदुस्तान के सारे मर्द करते हैं महिलाओं की इज्जत?
इंटरव्यू के दौरान जब आदित्य से पूछा गया कि जैसे फिल्में और किताबें समाज का आईना होती हैं, उससे लोग सीख लेते हैं और कई बार 18 साल के लोगों में वो सेंस और समझ नहीं होती है तो इसपर उनके क्या विचार हैं. इस सवाल के जवाब में आदित्य ने कहा कि इतना ध्यान से लोग अपनी किताबें क्यों नहीं पढ़ते हैं, फिल्मों की स्क्रिप्ट पर क्यों ध्यान देते हैं.उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इनके बारे में ज्यादा चर्चा नहीं करनी चाहिए और कला सिर्फ एक मोटिवेट करने का माध्यम नहीं है और फिल्मों को सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए ले ना कि सीख के तौर पर. उन्होंने कहा कि संदीप रेड्डी वांगा ने कब कहा कि इसे मोटिवेशन या सीख के तौर पर लें. इसके बाद जब उनसे कहा गया कि संदीप रेड्डी ने अपनी फिल्मों में महिलाओं के प्रति हिंसा दिखाई है तो आदित्य ने कहा क्योंकि ये हमारी सोसाइटी का आइना है और ऐसा अक्सर हमारे समाज में होता है और क्या हिंदुस्तान के सारे मर्द महिलाओं की इज्जत करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि संदीप रेड्डी वांगा ने दो साल पहले भी कहा था कि वो कबीर सिंह से भी ज्यादा वॉयलेंस वाली फिल्म लेकर आएंगे.
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एआई मेटावर्स पर आदित्य ने कही ये बात
एआई मेटावर्स को लेकर उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ काफी बदलाव आया है, पूरी दुनिया इसमें इन्वॉल्व हो रही है और परिवर्तन जिंदगी का हिस्सा है और मेटावर्स टेक्नॉलॉजी को लेकर काफी काम चल रहा है. तो उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी आ सकता है जब हम घर बैठे रहेंगे तो ऐसे समय में मेटा वर्ष का एडवांस होना काफी इंटरेस्टिंग है.
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