आमिर खान (Aamir Khan) के बेटे जुनैद खान (Junaid Khan) ने हिस्टोरिकल ड्रामा महाराज (Maharaj) से बॉलीवुड में डेब्यू किया है. बीते दिनों फिल्म को लेकर काफी विवाद हुआ था और गुजरात कोर्ट ने इसकी रिलीज डेट टाल दी थी. फिल्म के लेकर लोगों का कहना था कि इसकी रिलीज से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं. वहीं, कोर्ट में सुनवाई के बाद और कई विवादों के बाद फिल्म हाल ही में नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हुई है और इसे लोगों का पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है. वहीं, फिल्म के पॉजिटिव रिस्पॉन्स को लेकर एक्टर जुनैद ने हाल ही में एएनआई से बातचीत की है.
जुनैद ने कहा, ''मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि मैं इस समय क्या फील कर रहा हूं. महाराज मेरे लिए एक लंबा और मुश्किल सफर रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि अंत भी अच्छा है तो सब ठीक है''. खान ने आगे कहा कि, ''महाराज को बहुत प्यार, सम्मान और जुनून के साथ बनाया गया था और मुझे खुशी है कि फिल्म और मेरी परफॉर्मेंस बड़े पैमाने पर दर्शकों को पसंद आ रही है''.
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सिनेमा में अपने फ्यूचर पर बोले जुनैद खान
सिनेमा में अपने फ्यूचर को लेकर बात करते हुए जुनैद ने कहा, '' मुझे पता है कि मुझे अभी मीलों चलना है और बहुत कुछ सुधार करना है. मैं बस उम्मीद करता हूं कि मुझे अपने फ्यूचर के सभी कामों में सपोर्टिंग एक्टर्स और क्रू मिलेंगे.
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कोर्ट ने फिल्म महाराज के हक में सुनाया था फैसला
शुक्रवार को गुजरात हाई कोर्ट ने महाराज की रिलीज पर अंतरिम रोक हटा दी. यह देखते हुए कि फिल्म में कुछ भी अपमानजनक नहीं है और यह पुष्टिमार्ग संप्रदाय को टारगेट नहीं करता है, जैसा कि आरोप लगाया गया है. शुक्रवार को अपने आदेश में जज ने कहा कि फिल्म को सीबीएफसी द्वारा सर्टिफाइड किया गया है और यह संप्रदाय को टारगेट नहीं करती है.
फिल्म पर निर्माता ने कही थी ये बात
रोक हटने के कुछ घंटों के बाद निर्माता ने एक बयान जारी किया. सोशल मीडिया हैंडल पर वाईआरएफ ने अपने बयान में कहा, ''हमे महाराज की रिलीज की अनुमति देने के लिए हम कोर्ट के आभारी हैं, एक फिल्म जो हमारे देश के सबसे जरूरी समाज सुधारकों में से एक करसनदास मुलजी का जश्न मनाती है. करसनदास एक नायक और एक धर्मनिष्ठ वैष्णव, धार्मिकता के लिए खड़े रहे, महिलाओं की रक्षा की और अपने समुदाय और आस्था की रक्षा की, यह उनकी लड़ाई की भावना और इतिहास के सही पक्ष में रहने के लिए उनके साहस के लिए एक श्रद्धांजलि है.
फिल्म 1862 के मानहानि मुकदमे पर है आधारित
बता दें कि यह फिल्म 1862 के एक मानहानि मामले पर आधारित है, जिसमें एक वैष्णव धार्मिक नेता और समाज सुधारक करसनदास मुलजी शामिल हैं, महाराज फिलहाल नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है.
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