Rajendra Kumar Death Anniversary: इस सुपरस्टार को बेच दिया था अपने दिल का टुकड़ा, गम में रोए थे सारी रात

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 11, 2022, 09:12 PM IST

Rajendra Kumar राजेंद्र कुमार 

बॉलीवुड में अपनी बेहतरीन अदाकारी से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले Rajendra Kumar ने करीब चार दशक तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया. 60 के दशक में उन्हें सबसे बेहतरीन एक्टर माना जाता था. हालाकि हिंदी सिनेमा में 'जुबली कुमार' का खिताब पाने वाले एक्टर राजेंद्र कुमार तुली का जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा.

डीएनए हिंदी: मदर इंडिया, संगम, गीत, झुक गया आसमान जैसी सुपरहिट फिल्मों में शानदार किरदार निभाने वाले दिग्गज कलाकार राजेंद्र कुमार तुली (Rajendra Kumar) आज हमारे बीच नही हैं. 60 के दशक में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को कई हिट फिल्में दी जिस कारण उन्हें 'जुबली कुमार' (Jubilee Kumar) का खिताब दिया गया. उस दशक में ऐसा वक़्त भी आया जब जुबली कुमार की 6-7 फिल्में एक ही समय पर सिनेमाघरों में सिल्वर जुबली यानी लगातार 25 हफ्ते तक सिनेमाघरों में चलीं. उन्होंने काफी फिल्में भी प्रोड्यूस कीं. 

20 जुलाई 1929 को राजेंद्र कुमार का जन्म पंजाब के सियालकोट में हुआ था. उनका परिवार की माली हालत अच्छी थी पर बंटवारे ने उनके परिवार को रेफ्यूजी बना दिया. परिवार को मुल्क छोड़कर दिल्ली आना पड़ा. राजेंद्र कुमार कभी एक्टर नहीं बनना चाहते थे उन्हें तो डायरेक्टर बनना था. हालांकि वो कुछ साल बाद दिल्ली से मुंबई आ गए. 

मुंबई में एक्टर मशहूर डायरेक्टर एच.एस रवैल को असिस्ट करने लगे. इसी दौरान प्रोड्यूसर देवेन्द्र गोयल की नज़र उनपर पड़ी और उन्होंने राजेंद्र को अपनी फिल्म 'जोगन' में दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और नर्गिस (Nargis) के साथ साइन कर लिया. ये फिल्म साल 1955 में आई थी. इस फिल्म के लिए इन्हें मात्र 1500 रुपये मिले थे. ये फिल्म हिट हुई और राजेंद्र कुमार स्टार बन गए. 

राजेंद्र कुमार ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद उन्होंने 'गूंज उठी शहनाई'में बतौर लीड एक्टर काम किया. ये फिल्म भी हिट रही. इसके बाद धूल का फूल, मेरे महबूब, आई मिलन की बेला, संगम, आरजू, सूरज, मदर इंडिया सहित कई सफल फिल्मों में काम किया. फिल्मों की कामयाबी को देखते हुए उनका नाम 'जुबली कुमार' रख दिया गया. राजेन्द्र कुमार ने अपने करियर में 85 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. 

ये भी पढ़ें: Kumar Gaurav Birthday: पहली ही फिल्म से कुमार गौरव को चढ़ गया था स्टारडम का नशा, ठुकराई थी ये सुपरहिट फिल्म?

जब बिगड़ गई थी आर्थिक स्थिति

एक समय आया जब राजेंद्र कुमार की माली हालत बिगड़ गई थी. 70 के दशक में उनकी फिल्मों ने जादू चलाना बंद कर दिया और धीरे धीरे उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने लगी. इस कारण उन्हें अपने दिल के टुकड़े यानी अपने बंगला 'डिंपल' तक बेचना पड़ा. 1960 के शुरुआत में राजेंद्र कुमार ने बांद्रा के कार्टर रोड पर समुद्र किनारे बने इस बंगले को खरीदा था. ये उनके दिल के काफी करीब था. इस बंगले को उनके लिए लकी माना जाता था. 

हालांकि जब राजेंद्र कुमार के बंगला बेचने की बात बाहर आई तो राजेश खन्ना ने इसे तुरंत खरीद लिया और इसका नाम 'आशीर्वाद' रख दिया. ये बंगला राजेश खन्ना के लिए भी लकी साबित हुआ. उनकी भी काफ फिल्में इसके बाद हिट हुईं. साल 2012 को राजेश खन्ना की मौत के बाद इस बंगले को बेच दिया गया.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.