Rajesh Khanna Death Anniversary: इस स्टार राइटर के कारण हिट हुआ था राजेश खन्ना का करियर, दी थी दर्जनों सिल्वर जुबली फिल्में

सौभाग्या गुप्ता | Updated:Jul 18, 2022, 05:30 PM IST

Rajesh Khanna & Gulshan Nanda (pc: cinemaazi)

हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार रहे Rajesh Khanna आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी फिल्में आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं. राजेश खन्ना के लिए लोगों का दीवानापन इस कदर था कि लड़कियां उनकी दीवानगी में हर हद पार कर जाती थीं. कहा जाता है कि लड़कियां राजेश खन्ना को अपने खून से लव लेटर लिखकर भेजती थीं. यही नहीं कई फीमेल फैंस ने तो उनकी फोटो से शादी करके उन्हें अपना पति तक बना लिया था पर कहते हैं ना चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता जरूर है. आज से 10 साल पहले राजेश खन्ना ने मुंबई में आखिरी सांस ली थी. 'काका' के यूं चले जाने से करोड़ों लोगों को सदमा लगा था.

डीएनए हिंदी: बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) जिनके लाखों दीवाने हुआ करते थे. वो एक ऐसे सुपरस्टार थे, जिनके बारे में आज भी अनगिनत कहानियां सुनी और सुनाई जाती हैं. राजेश खन्ना को काका के नाम से भी जाना जाता था, वो सिर्फ अपनी फिल्मों को लेकर ही नहीं अपने रिलेशनशिप, झगड़े, प्यार-मोहबब्त, जिद्दीपने, अड़ियल रवैये और जबरदस्त फैन फॉलोइंग को लेकर भी सुर्खियों में छाए रहे. वो ऐसे सुपरस्टार थे जिन्होंने 2 साल में 15 बैक टू बैक सुपरहिट फिल्में दी थीं. उनके इस रिकॉर्ड को इंडस्ट्री का कोई भी स्टार आज तक नहीं तोड़ पाया है. हालांकि इसमें श्रेय एक ऐसे कहानीकार को भी जाता है जिनकी लिखी कहानियों ने राजेश खन्ना को सुपरस्टार बना दिया.  

एक दौर था फिल्म इंडस्ट्री में जब कहा जाता था कि फिल्मों को हिट कराना हो तो दो लोग काम आते हैं. पहला राजेश खन्ना को हीरो ले लो और दूसरा गुलशन नंदा (Gulshan Nanda) की कहानी ले लो. मशहूर उपन्यास लेखक गुलशन नंदा की कहानियां कमाल करती थीं. 60 से लेकर 80 के दशक तक की दर्जनों सिल्वर जुबिली, गोल्डन जुबिली फिल्मों के लेखक थे गुलशन नंदा. 20 सालों में कोई सवा दो दर्जन फिल्में आईं जिनमें से अधिकतर उनकी उपन्यासों पर आधारित थीं.

गुलशन के उपन्यासों में पर फूलों की सेज, काजल, सावन की घटा, पत्थर के सनम और नील कमल सहित कई फिल्में बनी थीं. इसमें से राजेश खन्ना स्टारर फिल्में कटी पतंग (1971), दाग (1973), अजनबी (1974), महबूबा (1976), नजराना (1986) शामिल हैं जिन्होंने बॉक्स ऑफिर पर कमाल कर दिया था. राजेश खन्ना, श्री देवी की फिल्म ‘नज़राना’ अखिरी फिल्म थी जिसे गुलशन नंदा ने लिखा था और उसके लीड एक्टर थे राजेश खन्ना. 

राजेश खन्ना की कामयाबी का दौर 

सुपरस्टार राजेश खन्ना के इस शानदार कामयाबी का दौर 1969 में आई फिल्म 'आराधना' से शुरू हुआ था, जो 1971 में फिल्म 'हाथी मेरे साथी' तक जारी रहा. लोग उन्हें स्क्रीन पर देखने के लिए बेताब रहते थे. आलम ये था कि लोग उनकी एक झलक को पाने के लिए घंटों उनके घर के बाहर खड़े रहते थे. 70 और 80 के दशक में वो फिल्मों के लिए सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर बन गए थे. 

शायद ही कोई ये जानता होगा कि उनकी फिल्म ऑस्कर के लिए भी जा चुकी हैं.  राजेश खन्ना ने 1966 में आई फिल्म 'आखिरी खत' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था, जो 1967 में भारत की ऑस्कर में पहली आधिकारिक एंट्री फिल्म बनी थी. 100 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने सोलो लीड भूमिका निभाई थी और अकेले खुद के दम पर फिल्मों को हिट कराया था. 

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18 जुलाई 2012 को 69 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद राजेश खन्ना का मुंबई में निधन हो गया. वो दिन फिल्म जगत के लिए काला दिन रहा. करोड़ों लोगों ने आज से 10 साल पहले अपना पहला सुपरस्टार खो दिया था. 

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