डीएनए हिंदी: बॉलीवुड और साउथ... इन दोनों इंडस्ट्रीज में लॉकडाउन खत्म होने के बाद एक बड़ा और दिलचस्प ट्विस्ट आया है. नतीजन बॉलीवुड वर्सेज साउथ की बहस ट्रेंड होती दिखाई दी. ये मामला चल ही रहा था कि एसएस राजामौली की फिल्म RRR की सक्सेस ने सभी को चौंका दिया. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर वर्ल्ड वाइड लगभग 1,200 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन कर डाला और विदेशों में भी इस फिल्म को लेकर बातें होने लगीं. गोल्डन ग्लोब के साथ- साथ सिनेमा का सबसे बड़ा अवॉर्ड ऑस्कर भी इसी फिल्म को मिल गया. इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री में एक और बड़ा बदलाव आया है, साउथ का दबदबा फिल्मों तक ही सीमित नहीं है. इस बात को ट्रेड एक्सपर्ट कोमल नाहटा ने भी माना है.
'पठान', 'ब्रह्मास्त्र' और 'भूल भुलैया' जैसी बॉलीवुड की कुछ फिल्में काफी अच्छी चलीं लेकिन अब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक नया दौर शुरू हो गया है, जिसमें बॉलीवुड साउथ के रंग में रंगा दिखाई दे रहा है. जहां एक तरफ 'किसी का भाई किसी की जान' में सलमान खान साउथ इंडियन लुक के साथ- साथ भाषा भी बोलते नजर आए हैं वहीं, दूसरी तरफ 'वॉर 2' जैसी फिल्म में ऋतिक रोशन के सामने जूनियर एनटीआर को खड़ा कर दिया गया है. रिपोर्ट्स तो ऐसी भी हैं कि इस बार Jr NTR फिल्म का प्रॉफिट भी शेयर करेंगे. ऐसे में ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि क्या वाकई बिजनेस लाने के लिए बॉलीवुड को अब साउथ का सहारा लेना पड़ रहा है?
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Bollywood में Ram Charan, JR NTR जैसे स्टार्स की एंट्री
डीएनए के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में ट्रेड एक्सपर्ट कोमल नाहटा ने इन सभी सवालों पर दिलचस्प प्वाइंट रखा है. उनका कहना है लॉकडाउन के बाद बॉलीवुड के साथ- साथ साउथ इंडस्ट्री में भी बदलाव आए हैं. साउथ फिल्म इंडस्ट्री भी पहले साउथ तक ही सीमित थी, लेकिन हिंदी ऑडिएंस पर पकड़ बनाने के लिए साउथ मेकर्स ने हिंदी में फिल्म रिलीज करने का कल्चर शुरू किया है. पहले साउथ फिल्मों के रिलीज के 2 या 3 महीने बाद इसे हिंदी में रिलीज किया जाता था. अब नए ट्रेंड के साथ हिंदी में साउथ फिल्मों का बिजनेस इतना शानदार हुआ कि भाषाओं और सीमाओं के बैरियर खत्म हो गए. नाहटा मानते हैं कि 'अब जूनियर NTR, राम चरण, बॉलीवुड स्टार्स ही पॉप्युलर हैं'.
नाहटा का कहना है कि 'बॉलीवुड प्रोड्यूसर को साउथ की बढ़ती फैन फॉलोइंग को कैपिटलाइज करने का भी मौका नजर आया है. पहले साउथ फिल्में, हिंदी में डब होकर आती हैं लेकिन अब बॉलीवुड प्रोड्यूसर्स ने सोटा कि साउथ फिल्म लवर्स को ओरिजनल हिंदी फिल्म में साउथ के स्टार्स पेश किए जाएं. यही वजह है कि साउथ स्टार्स की कास्टिंग और बॉलीवुड फिल्मों पर साउथ का रंग चढ़ा दिख रहा है.
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एड मार्केट में भी South Stars का दबदबा
नाहटा का मानना है कि RRR की रिलीज के कुछ दिनों बाद ही एड मार्केट पर भी साउथ स्टार्स का असर दिखने लगा. उसी से साबित हो गया कि साउथ स्टार्स अब पूरे भारत में अलग पहचान बना चुके हैं. हिंदी फिल्म मेकर्स के साथ-साथ ब्रैंड्स भी इसका फायदा उठा रहे हैं. ट्रेड एक्सपर्ट का कहना है कि 'ऑस्कर के मंच पर RRR को इतनी अहमियत मिलने के बाद जो 5 परसेंट शक था कि साउथ स्टार्स को पैन इंडिया ऑडिएंस एक्सेप्ट करेगी या नहीं वो खत्म हो गया है'.
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साउथ सिनेमा के बढ़ते कद के बीच क्या बॉलीवुड के लिए एक चैलेंजिंग माहौल पैदा हुआ है? इस पर कोमल नाहटा कहते हैं कि ये प्रोड्यूसर्स के लिए सबसे अच्छी बात है क्योंकि उनके पास अब 'सेलेबल स्टार्स' बढ़ गए हैं. कोमल नाहटा का कहना है कि ये बॉलीवुड एक्टर्स के लिए ये कॉम्पिटीशन है लेकिन पब्लिक को खुश होना चाहिए क्योंकि उन्हें बेहतर एक्टिंग, बेहतर स्क्रिप्ट मिलेंगी.
South Cinema ने ऐसा क्या किया जो फीका पड़ गया Bollywood?
इस सवाल पर नाहटा कहते हैं कि बॉलीवुड के मेकर्स को एक 'कोड क्रैक' करने की जरुरत है, जो साउथ मेकर्स कर रहे हैं, तब जाकर बॉलीवुड फिल्में साउथ में धूम मचा पाएंगी. अक्षय कुमार, आमिर खान से लेकर कार्तिक आर्यन तक की बड़ी- बड़ी फिल्में नहीं चल पाने के पीछे कोमल नाहटा 'कंटेंट' को दोष देते हैं. उनका कहना है कि 'साउथ के कंटेंट का मजा हिंदी ऑडिएंस ने ले लिया है, तो आपको (बॉलीवुड को) भी उतनी ही अच्छी फिल्में, ईमानदार स्क्रिप्ट बनानी पड़ेंगी. बॉलीवुड प्रोड्यूसर्स को ऑडिएंस की पसंद के हिसाब से चलना पड़ेगा, नहीं तो नहीं चलेगा'.
ऑस्कर जीतने वाली RRR को इंटरनेशनल शो पर 'बॉलीवुड फिल्म' कहे जाने वाले विवाद पर बात करते हुए कोमल नाहटा कहते हैं कि 'ऐसा नहीं होना चाहिए था. भारतीय सिनेमा में बॉलीवुड थोड़ा ज्यादा नजर आता था क्योंकि साउथ सिनेमा, सिर्फ साउथ तक ही सीमित था लेकिन अब जब इंटरनेशनल मंच तक साउथ की फिल्में पहुंच चुकी हैं, तब ये ट्रेंड पूरी तरह बदल जाएगा'. कोमल नाहटा का कहना है कि बॉलीवुड और साउथ स्टार्स का एक साथ काम करने का मतलब यही है कि 'इंडियन फिल्म इंडस्ट्री' के तौर पर काम करना और आगे बढ़ना.
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