रणदीप हुड्डा(Randeep Hooda) और अंकिता लोखंडे(Ankita Lokhande) स्टारर फिल्म स्वातंत्र्यवीर सावरकर(Swatantrya Veer Savarkar) का बीती रात ट्रेलर रिलीज किया गया था. इस फिल्म में रणदीप हुड्डा वीर सावरकर का रोल अदा करेंगे. फिल्म का निर्देशन भी एक्टर ने ही किया है. फिल्म 22 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होगी, तो चलिए रिलीज से पहले जानते हैं मूवी के बारे में पांच अहम बातें.
सभी जानते हैं कि रणदीप हुड्डा इस फिल्म के जरिए के निर्देशन की दुनिया में कदम रख रहे हैं. फिल्म का निर्देशन रणदीप ने ही किया है. इसके साथ फिल्म के प्रोड्यूसर आनंद पंडित और संदीप सिंह हैं.
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फिल्म के लिए रणदीप ने घटाया 26 किलो वजन
वहीं, रणदीप एक शानदार अभिनेता हैं और अपनी फिल्म के किरदार में ढलने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है. इस फिल्म के लिए उन्होंने 26 किलो वजन घटाया है. वजन घटाने के लिए एक्टर सिर्फ एक खजूर और एक गिलास दूध पीया करते थे.
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सावरकर ने दिया देश की आजादी के लिए बलिदान
फिल्म के ट्रेलर को लेकर बात करें तो वह काफी शानदार हैं. फिल्म का ट्रेलर लोगों को काफी पसंद आया है और इस ट्रेलर को देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक्टर ने वीर सावरकर के किरदार में अपनी जान फूंक दी है. ट्रेलर में सावरकर के बलिदान और त्याग को दिखाया गया है. ट्रेलर में दिखाया गया है कि वीर सावरकर देश के युवाओं को अंग्नेंजों के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार करते हैं और देश की आजादी के लिए अपना बलिदान देते है. उन्होंने अहिंसा की जगह हिंसा का रास्ता अपनाकर लोगों को जागरूक किया.
प्रोपेगेंडा नहीं है स्वातंत्र्यवीर सावरकर
बता दें कि इस फिल्म को कुछ लोग प्रोपेगेंडा बता रहे हैं. वहीं, एक्टर ने लोगों की इन बातों का जवाब भी दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म प्रोपेगेंडा नहीं है और यह वास्तव में स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ गलत प्रचार के कारण है. उन्होंने कहा ये एंटी प्रोपेगेंडा फिल्म है. यह सावरकर के खिलाफ दशकों से चल रहे सभी प्रोपेगेंडा का मुकाबला करेगा. वह माफीवीर नहीं थे. सिर्फ उन्होंने ही नहीं, उस समय कई और भी लोगों ने भी दया याचिकाएं लिखीं. मैंने फिल्म में इसे बहुत विस्तार से दिखाया है.
फिल्म को लेकर रणदीप ने बताई अहम बातें
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि याचिकाएं और जमानत याचिकाएं थी. यह किसी भी कैदी का अधिकार है. अगर कोई अदालत गया है तो उसे पता होगा कि अदालत को कैसे संबोधित किया जाता है. वह सेल्यूलर जेल में बंद थे. वह वहां से निकलकर देश के लिए सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से योगदान देना चाहते थे. उन्होंने बाहर आकर देश के लिए योगदान देने के लिए जो भी कुछ कर सकते थे किया. फिल्म में महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू और कई अन्य किरदार भी देखने को मिलेंगे. फिल्म
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