Sheezan Khan ने संघर्ष के दिनों को लेकर किया खुलासा, बताया-कैसे मां ने की उनकी मदद

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 13, 2023, 10:38 AM IST

Sheezan Khan 

शीजान खान( Sheezan Khan ) ने बताया कि मुश्किल समय में वो अपने आप को कैसे संभालते हैं और उनकी इस चीज में सबसे ज्यादा मदद उनकी मां ने की है.

डीएनए हिंदी: शीजान खान( Sheezan Khan )एक टीवी एक्टर हैं. उन्होंने टीवी के कई शोज में काम किया है, जिसमें जोधा अकबर, सिलसिला प्यार का, अली बाबा-दास्तान ए काबुल, जैसे टीवी शो शामिल हैं. शीजान उस दौरान खबरों में आए जब उनकी को-स्टार तुनिषा शर्मा ने दास्तान ए काबुल के सेट पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. एक्ट्रेस की मौत का इल्जाम शीजान खान पर लगा था. इस बीच एक्टर को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी. जिसके कारण शीजान और उनका परिवार लगातार सुर्खियों में रहा था. इस दौर में एक्टर और उनके परिवार वालों पर कई तरह के इल्जाम भी लगे थे. वहीं, शीजान ने हाल ही में अपना अनुभव शेयर किया है कि उन्होंने खुद को कैसे संभाला था. 

शीजान ने हाल ही में रोहित शेट्टी के शो खतरों के खिलाड़ी 13 में हिस्सा लिया था. इस रियलिटी शो में उन्होंने बतौर कंटेस्टेंट, जेल से बाहर निकल कर वापस से अपने करियर की शुरुआत की है. वहीं, हाल ही में शो की शूटिंग पूरी हो गई है, जिसके बाद सभी कंटेस्टेंट वापस लौट चुके हैं. इसी बीच शीजान ने बॉलीवुड बबल के साथ एक इंटरव्यू में अपने बुरे वक्त को लेकर बात की है और बताया कि किस तरह से उन्होंने पूरे समय पेशेंस रखा है. 

शीजान ने कहा पेशेंस के साथ रहता हूं

शीजान ने कहा कि दरअसल, मैं हमेशा से ही बहुत पेशेंस किस्म का लड़का रहा हूं, लेकिन फिर केवल पेशेंस का ऐसा दायरा है कि वो एक हद तक ही रहता है. क्योंकि मुझे पता है कि जब मुझे इस तरह के समय में कार्रवाई की जरूरत होती है तो मैं पूरी कोशिश करता हूं. तो वो शुरू से ही मेरे साथ रहा है कि जहां पर मुझे लगता है कि पेशेंस दिखाना जरूरी है. मेरा अच्छा कंट्रोल है इसपर. 

शीजान ने कहा मेरे अंदर बहुत कंट्रोल है

शीजान ने आगे कहा कि ऐसा मैं उर्दू में बोल सकता हूं, आप अपने आप को तो जानते ही हैं. इंसान को अपने बारे में पता ही होता है कि कुछ चीजे तो मेरे अंदर कंट्रोल काफी है. मैं चीजें ले सकता हूं. 

मां ने सिखाया पेशेंस से रहना

वहीं, एक्टर ने खतरों के खिलाड़ी के स्टंट के बारे में कहा कि ये चीज को ऐसा लगता है कि 10 मिनट में तो खत्म हो जाएगी. कम से कम ये समय के साथ आ तो रही है, तो खत्म हो जाएगी, तो तब तक कर लो. क्या पता कुछ अच्छा हो जाए. तो पेशेंस रखना मुझे मेरी मां ने सिखाया है. कुछ अच्छा अगर होता है तो उस चीज को गाना नहीं चाहिए सब्र रखना चाहिए और अगर बुरा हो तो उस चीज पर ज्यादा मलाल करो, सब्र करो. क्योंकि तुम्हें नहीं पता कि ऊपर वाले ने तुम्हारे लिए आगे क्या रखा है. 

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