डीएनए हिंदी: बॉलीवुड में एक वो दौर था जब संजय दत्त (Sanjay Dutt), गोविंदा (Govinda) और सनी देओल (Sunny Deol) जैसे कलाकारों ने तूती बोलती थी. रोमांटिक-कॉमेडी स्टार के तौर पर गोविंदा, एक्शन स्टार के तौर पर सनी देओल, तो क्राइम थ्रिलर के लिए संजय दत्त फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद हुआ करते थे. बॉलीवुड के मौजूदा दौर में जहां तीन खान - शाहरुख (Shah Rukh Khan), सलमान खान (Salman Khan) और आमिर खान (Aamir Khan) बॉलीवुड पर राज करते हैं. वहीं इस दौर से इतर 90 के दशक में संजय दत्त, गोविंदा और सनी देओल अपनी-अपनी फिल्मों के जरिए लोगों में काफी मशहूर थे. वहीं तीनों खान भी यूथ में काफी लोकप्रिय थे और इनकी फिल्में भी सुपर-डुपर हिट हुआ करती थीं.
एक तरफ आज के दौर में बड़े स्टार्स एक दूसरे के क्लैश से काफी सहम के रहते हैं ताकि उनकी कमर्शियल फिल्मों के बिजनेस पर किसी तरह का कोई असर न आए, तो वहीं 90 के दशक में फिल्में धडल्ले से एक दूसरे सामना करती थीं. 90 के दशक में जहां रोमांटिक फिल्मों के जॉनर में आमिर की 'दिल' रिलीज हुई तो वहीं सनी देओल की 'घायल' को लोगों ने खूब सराहा. आमिर अपनी फिल्म 'राजा हिंदुस्तानी' के जरिए दर्शकों के बीच आए तो सनी देओल ने फिल्म 'जीत' के जरिए बॉलीवुड में झंडे गाड़े. ये सिलसिला आगे भी चलता रहा आमिर खान की फिल्म 'लगान' के साथ सनी देओल की 'गदर' रिलीज हुई और यह फिल्में आज एक इतिहास हैं.
ये भी पढ़ें - इस कैटेगरी में साल की सबसे बड़ी हिट बनी लाल सिंह चड्ढा, Aamir Khan के फैन्स हो जाएंगे खुश
ऐसा नहीं था कि उस दौर में प्रतिस्पर्धाएं नहीं थीं. रोमांटिक और कॉमेडी के जॉनर में शाहरुख खान जहां अपनी फिल्मों के जरिए फैंस के दिलों में छा रहे थे तो वही गोविंदा भी पीछे नहीं थे. उन्होंने डेविड धवन के साथ मिलकर कई हिट पर हिट दिए थे जिनमें - 'कुली नंबर वन', 'हीरो नंबर वन' जैसी फ़िल्में शामिल हैं. शाहरुख खान 'डीडीएलजे' के बाद काफी मशहूर हुए और 'कुछ कुछ होता है', 'दिल तो पागल है' और 'कभी खुशी कभी गम' जैसी फैमिली एंटरटेनिंग फिल्मों के जरिए फैंस का मनोरंजन किया.
90 के दशक में बॉलीवुड कई एक्सपेरिमेंट्स के दौर से भी गुजर रहा था. अंडरवर्ल्ड की जद में मुंबई शहर के आरी किनारी क्राइम पर आधारित बॉलीवुड की फिल्में दर्शकों की फेवरेट रहीं. इन फिल्मों के लिए संजय दत्त पहली पसंद हुआ करते थे. जहां उन्होंने 'खलनायक' के साथ-साथ 'वास्तव' जैसी हिट फिल्मों के जरिए एक 'बैड बॉय' के रूप में लोगों में अपनी पहचान बनाई.
ये भी पढ़ें - 'करोड़ों लेकर भी विजय सेतुपति को कॉपी नहीं कर पाए ऋतिक रोशन', फैंस लगा रहे हैं इल्जाम
मगर देखते ही देखते दौर बदलता है और बॉलीवुड के निर्माताओं को अपनी फिल्मों के लिए वह चेहरे पसंद आने लगे जो लोगों के बीच काफी फेमस रहे. फिल्म के टेस्ट में भी बदलाव हुआ और दर्शकों को कुछ अलग की कहानी की तलब हुई. तब सलमान और शाहरुख को लेकर फिल्में बनाई जाने लगीं और दर्शक भी उन फिल्मों के जरिए अपने पसंदीदा कलाकारों पर जान लुटाते हुए नजर आए.
इस बात से भी बहुत हद तक सहमति जताई जा सकती है कि समय के साथ साथ गोविंदा, संजय दत्त और सनी देओल की उम्र ढलने लगी जहां एक तरफ ये स्टार्स कभी बॉलीवुड के रुपहले पर्दे पर चमक-दमक और अपनी टाइट स्किन के साथ नजर आते थे वही उम्र ढलने के साथ-साथ खुद को फिट रख पाना इन स्टार्स के लिए बड़ी चुनौती बन कर उभरी, और बॉलीवुड में कभी झुर्रियों वाले हीरो को पसंद नहीं किया गया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.