डीएनए हिंदी: मशहूर फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) अपनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को लेकर काफी लाइमलाइट में रहे. जबसे उन्होंने ये फिल्म बनाई है, तब से वो किसी न किसी वजह से सुर्खियों में बने हुए हैं. कश्मीर पंडितों के साथ हुए अत्याचारों की कहानी दर्शाने वाली इस फिल्म के लिए विवेक को जबरदस्त सपोर्ट तो मिला था लेकिन इसके साथ ही कुछ लोगों ने उनको जमकर क्रिटिसाइज भी किया था. हालांकि अब 2018 में हुए एक मामले को लेकर फिल्ममेकर को कोर्ट से राहत मिल गई है. उन्होंने भी बिना शर्त माफी मांग ली है जिसके बाद वो इस केस से मुक्त हो गए हैं. आपको आगे बताते हैं पूरा मामला आखिर है क्या.
दरअसल विवेक अग्निहोत्री ने साल 2018 में जस्टिस एस. मुरलीधर के खिलाफ एक टिप्पणी की थी जिसको लेकर अब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से माफी मांग ली है. उन्होंने 2018 में जस्टिस मुरलीधर पर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को पक्षपात करके राहत देने का आरोप लगाया था. तब जस्टिस मुरलीधर दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के जज थे.
उनके इस आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर काफी बवाल मचा था और पिछले महीने उन्हें 10 अप्रैल यानी आज कोर्ट ने पेश होने का सख्त आदेश दिया था. अब उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया. हालांकि कोर्ट ने उन्हें वॉर्निंग दी है कि उनको और सभी नागरिको को कोर्ट के मामलो में सचेत रहना चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई 24 मई रखी गई है.
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो माफी मांगते हुए उनके हलफनामे में लिखा था कि विवेक अग्निहोत्री न्यायपालिका की संस्था के लिए अत्यंत सम्मान रखते हैं और अदालत की महिमा को जानबूझ कर ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं रखते थे.
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बता दें कि साल 2018 में जस्टिस मुरलीधर ने नवलखा के हाउस अरेस्ट और ट्रांजिट रिमांड को रद्द कर दिया था. इसी के चलते विवेक ने जस्टिस एस मुरलीधर पर कमेंट किया था जिसको लेकर बवाल मचा था.
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