अभय देओल ने साल 2005 में इम्तियाज अली की फिल्म 'सोचा न था' से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. एक्टर के चाचा धर्मेंद्र और चचेरे भाई सनी देओल, बॉबी देओल ज्यादातर एक्शन मूवीज के लिए जाने जाते हैं. हालांकि, इन सब से अलग फिल्मों को लेकर अभय का टेस्ट कुछ अलग है. इसके अलावा एक्टर अपने बेबाक बयानों को लेकर भी सुर्खियों में बने रहते हैं.
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एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने खुलासा किया था कि वे शुरुआत से एक्टर नहीं बनना चाहते थे. इससे अलग उनके दिमाग में तीन और प्रोफेशन थे. इनमें पेंटिंग, फिलॉसफी और पत्रकारिता शामिल थे. फिर बाद में इन तीनों से अलग अभिनेता ने एक्टिंग को चुना था.
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एक्टर ने अपने इंटरव्यू में इसके पीछे की वजह भी बताई. अभय देओल ने कहा था कि वे इस वजह से एक्टर नहीं बने क्योंकि उनके पिता एक्टर हैं, बल्कि वो स्कूल के समय से ही थियेटर में एक्टिव थे. उन्होंने कहा था, 'मैंने 18 साल की उम्र में एक्टर बनने का फैसला कर लिया था. मुझे ऐसा करने में 10 साल लगे क्योंकि फिल्मों में आने के लिए मैं पढ़ाई नहीं छोड़ना चाहता था.'
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अभय देओल ने एक और खुलासा करते हुए बताया था कि एक फिल्ममेकर ने सरेआम उनकी बेइज्जती की थी, उन्हें थप्पड़ मारा था और उनके बारे में झूठी अफवाह भी फैलाई थी. इससे अलग एक्टर धर्मेंद्र के गुस्से का शिकार भी हो चुके हैं.
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एक दफा 'द कपिल शर्मा शो' पर कॉमेडियन के साथ बातचीत करते हुए अभय देओल ने बताया था कि कैसे धर्मेंद्र ने उन्हें इतनी जोर से मारा कि उनका गाल लाल हो गया. अभय के अनुसार, 'मैं 8 साल का था उस दौरान एक ड्राइवर अंकल कार बैक ले रहे थे और मैं कार की तरफ तेज भागते हुए आ रहा था. ऐसे में पापाजी ने (धर्मेंद्र) मुझे कसकर थप्पड़ रसीद कर दिया. मेरा गाल लाल हो गया था. मैं उस वक्त खूब रोया था लेकिन बाद में अहसास हुआ गलती मेरी थी और मुझे बचाने के चक्कर में उन्हें गुस्सा आ गया था.'
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इन सब के अलावा एक्टर बॉलीवुड में छिड़ी नेपोटिज्म की बहस पर भी खुलकर बात कर चुके हैं. इसे लेकर अभय ने अपनी सुपरहिट फिल्मों में से 'एक जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. अभय ने बताया था कि किस तरह ऋतिक रोशन और कैटरीना कैफ के सामने उनको और फरहान अख्तर को सपोर्टिंग एक्टर्स बना दिया गया था. कुछ इसी तरह एक्टर कई बार कई मुद्दों पर खुलकर बात करते नजर आ चुके हैं.