Amrish Puri के वो 5 आइकॉनिक डायलॉग, जो आज भी दर्शकों के दिलों पर करते हैं राज

अमरीश पुरी (Amrish Puri) का आज जन्मदिन है. उनका जन्म 22 जून 1932 को हुआ था. वह बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर और सबसे बड़े विलेन कहे जाते थे.

अमरीश पुरी (Amrish Puri) बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर हुआ करते थे. उन्होंने इंडस्ट्री में अपने दमदार अभिनय से पहचान हासिल की थी. अमरीश बॉलीवुड के सबसे बड़े विलेन कहलाए थे. उन्होंने बॉलीवुड में 450 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है. वहीं, आज एक्टर का जन्मदिन है. उनका जन्म 22 जून 1932 को हुआ था. तो चलिए एक नजर डालते हैं अमरीश पुरी के शानदार डायलॉग्स पर, जो आज भी लोगों के दिलों पर छाए हुए हैं.

Amrish Puri In Film Mr India

अमरीश पुरी फिल्म मिस्टर इंडिया में विलेन के रोल में नजर आए थे. इस फिल्म में उन्होंने मोगैंबो का किरदार निभाया था. फिल्म में एक्टर का डायलॉग मोगैंबो खुश हुआ, आज भी दर्शकों के दिलों पर छाया हुआ है.

Amrish puri In Damini

लिस्ट में दूसरी फिल्म दामिनी है. इस फिल्म अमरीश पुरी का डायलॉग- ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं, जहां मन्नतें और मुरादें पूरी होती हैं, यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं. इस डायलॉग ने भी जमकर वाहवाही लूटी थी.

Amrish puri in Vishwatma

साल 1992 में आई फिल्म विश्वात्मा में भी अमरीश पुरी का एक डायलॉग काफी पसंद किया गया था. फिल्म में उनका डायलॉग था- थप्पड़ तुम्हारे मुंह पर पड़ा है और निशान मेरे गाल पर पड़े हैं. 
 

Amrish puri Film Ilaaka

साल 1989 में रिलीज हुई अमरीश पुरी की फिल्म इलाका का डायलॉग- गलती एक बार होती है, दो बार होती है, तीसरी बार इरादा होता है. ये दमदार डायलॉग लोगों के जहन में बैठ गया था.
 

Amrish puri In Film Dilwale Dulhania Le Jayenge

अमरीश पुरी फिल्म दिलवाले दुल्हनिया में नजर आए थे. इस फिल्म में उनका डायलॉग जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी, लोग आज भी याद करते हैं.