डीएनए हिंदी: फिल्म ‘हेरा फेरी’ (Hera Pheri) में बाबूराव गणपतराव आप्टे यानी बाबू भैया को रोल हो, ‘अंदाज अपना अपना’ (Andaz Apna Apna) में तेजा का रोल हो या ‘ओएमजी: ओह माई गॉड’ (OMG: Oh My God) में कांजीभाई का रोल, एक्टर परेश रावल (Paresh RAwal) सालों से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं. उन्होंने अपने रोल से लोगों को हंसाया भी है, रुलाया भी है और नेगेटिव किरदार से लोगों को डराया भी है. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का ये वर्सटाइल एक्टर अपने रोल में इस तरह से रम जाते हैं मानो वो रोल उन्हीं के लिए बना हो. उन्होंने बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक फिल्में की हैं. यही नहीं वो राजनीति भी में हाथ आजमा चुके हैं. परेश रावल आज अपना 67वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं.
बात करें फिल्मी करियर की तो थिएटर बैकग्राउंड से आए परेश रावल ने 1982 में गुजराती फिल्म 'नसीब नी बलिहारी' से फिल्मी सफर की शुरुआत की थी. बॉलीवुड में उन्होंने डेब्यू साल 1984 में आयी फिल्म 'होली' से किया था. बीजेपी के टिकट पर लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं. उन्हें पद्मश्री, राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार और फिल्मफेयर अवार्ड्स जैसी प्रतिष्ठित सम्मानों से भी नवाज़ा जा चुका है.
कॉमेडी से लेकर विलेन के रोल में
परेश रावल ने खलनायक से लेकर कॉमेडियन बनकर लोगों का दिल जीत लिया है. 1980 से 1990 के बीच वो 100 से ज्यादा फ़िल्मों में खलनायक की भूमिका में नजर आ चुके हैं. 2000 में आई फिल्म हेरा फेरी ने परेश रावल की खलनायक वाली इमेज को बदलकर रख दिया. बाबू भइया को किरदार आज लोगों के दिलों में बस गया है. फिल्म जबरदस्त हिट रही और परेश रावल की कॉमेडी टाइमिंग भी. आज भी मीम की दुनिया बिना बाबू भइया के अधूरी है. 2006 में फिल्म की अगली कड़ी बनी. फिर हेरा फेरी में एक बार फिर परेश रावल बाबू भइया के किरदार में नजर आए. इस फिल्म से भी उन्हें काफी प्यार मिला .
परेश रावल ने अपने करियर में अंदाज अपना अपना, चाची 420, हेरा फेरी, नायक, आंखें, आवारा पागल दीवाना, हंगामा, दीवाने हुई पागल, गरम मसाला, फिर हेरा फेरी, गोलमाल: फन अनलिमिटेड, भागम भाग, भूल भुलैया, वेलकम, ओए लकी! लकी ओए!, आतिथि तुम कब जाओगे?, ओएमजी – ओह माय गॉड!, वेलकम बैक, उरी, टाइगर ज़िंदा है, संजू सहित कई हिट फिल्मों में काम किया है. हिंदी फिल्मों के अलावा परेश रावल ने कई हिट तेलुगु फिल्मों में भी खलनायक की भूमिका निभाई है. परेश रावल अपने करियर में करीब 270 के करीब फिल्मों में काम कर चुके हैं.
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रोमांटिक रही प्रेम कहानी
परेश राव की लव स्टोरी कुछ कम फिल्मी नहीं है. साल 1975 में जब परेश ने पहली बार स्वरा संपत को देखा तो अपना दिल हार बैठे थे. स्वरा उनके बॉस की बेटी थी फिर भी उन्होंने फैसला कर लिया था कि वो उन्हीं से शादी करेंगे. इसके बाद साल 1979 में परिवार वालों और परेश रावल के कहने पर स्वरा ने मिस इंडिया कॉन्टेस्ट में भाग लिया और वो जीत भी गईं. इसी साल उन्होंने मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भी इंडिया को रिप्रजेंट किया था.
परेश रावल और स्वरूप संपत ने 1987 में शादी कर ली थी. उनके 2 बच्चे हैं आदित्य और अनिरुद्ध. परेश फिल्मों में अब भी एक्टिव हैं और उनकी पत्नी समाजसेविका हैं.
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मिले ये सम्मान
परेश रावल को साल 2014 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. फिल्म वो छोकरी के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.1993 में फिल्म सर के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है.
वहीं अलग-अलग फिल्मों के लिए उन्हें पांच बार फिल्मफेयर अवार्ड्स मिल चुका है. इसेके अलावा परेश रावल को 4 बार ज़ी सिने अवार्ड्स, 3 बार स्टार स्क्रीन अवार्ड्स और 1-1 बार IIFA अवार्ड्स व अप्सरा अवार्ड्स से नवाजा गया है.
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