डीएनए हिंदी: इन दिनों कई बड़ी फिल्मों के बीच हॉलीवुड की एक अपकमिंग मूवी को लेकर जबरदस्त चर्चाएं चल रही हैं. ये मशहूर फिल्ममेकर क्रिस्टफर नोलन (Christopher Nolan) की सिलियन मर्फी (Cillian Murphy) स्टारर फिल्म 'ओपेनहाइमर' (Oppenheimer) है. इस फिल्म की एडवांस बुकिंग शुरू हो गई है और इस दौरान एक टिकट 2500 हजार रुपए की बताई जा रही है, हैरानी की बात ये है कि इतनी महंगी टिकटें भी हाउसफुल जा हैं. फिल्म की कहानी की बात करें तो ये साइंटिस्ट और सच्ची घटना पर आधारित है, जो द्वितीय विश्व युद्ध (World War 2) के दौरान हुई थी. फिल्म के ट्रेलर में भगवद गीता (Bhagavad Gita) का एक श्लोक सुनने को मिला है, इस पर भी खूब चर्चाएं हो रही हैं.
दिल दहला देगी Oppenheimer की असली कहानी
फिल्म 'ओपेनहाइमर', 'अमेरिकन प्रोमेथियस' नाम की एक किताब पर आधारित है. ये किताब जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर की बायोपिक है. रॉबर्ट ओपेनहाइमर एक भौतिक विज्ञानी थे उन्होंने अमेरिका और जर्मनी के बीच हुए द्वितीय विश्वयुद्ध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बताया जाता है कि वो मूल रूप से जर्मन यहूदी थे लेकिन विश्वयुद्ध में अमेरिका से साथ खड़े थे. उन्होंने अमेरिका आकर 'मैनहट्टन प्रोजेक्ट' नाम के मिशन का नेतृत्व किया था, जिसका उद्देश्य था जर्मनी को मात देने के लिए परमाणु बम बनाना.
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याद आया Bhagavad Gita का श्वलोक
बताया जाता है कि जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर को साहित्य में दिलचस्पी थी और ये रुचि उन्हें भगवद गीता तक लेकर गई. वो इसे बिना अनुवाद किए पढ़ना चाहते थे और इसलिए ओपेनहाइमर ने संस्कृत सीखी. उन्होंने जब अपने बनाए परमाणु बम का पहला टेस्ट 1945 में किया था और इस तब जाकर उन्हें इससे होने वाली तबाही का एहसास हुआ. इस टेस्ट का अंजाम देखकर ओपेनहाइमर को भगवद गीता का एक श्लोक याद आ गाया था. उन्होंने कहा 'मैं मृत्यु बन गया हूं'. ये बात महाभारत युद्ध के दौरान कृष्ण भगवान ने कही थी.
भगवद गीता का श्लोक-
कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः ।
ऋतेऽपि त्वां न भविष्यन्ति सर्वे येऽवस्थिताः प्रत्यनीकेषु योधाः ॥॥ (11.32)
अर्जुन को समझाते हुए जब श्री कृष्ण भगवान विराट रूप धारण करते हैं तब वो कहते हैं कि 'अब, मैं मृत्यु बन गया हूं. अब मैं दुनिया का विनाशक बन गया हूं'. यही बात ओपेनहाइमर को परमाणु बम परिक्षण के दौरान याद आई थी. ओपेनहाइमर द्वारा कही ये बात उनकी जिंदगी पर आधारित फिल्म में एक डॉयलॉग बनकर भी सामने आई है.
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इतिहास की सबसे बड़ी तबाही
ओपेनहाइमर ने जो परमाणु बम बनाए थे वो 6 और 9 अगस्त को हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए और इतिहास की सबसे बड़ी तबाही का कारण बने थे. इस तबाही को देखने के बाद ओपेनहाइमर का दिल दहल गया और उन्हें बहुत पछतावा हुआ. उन्होंने इसके बाद अमेरिका के हाइड्रोजन बम बनाने के ऐलान की निंदा की थी. बताया जाता है कि इस निंदा के बाद ओपेनहाइमर पर अमेरिकी एंजेसी सख्त हो गई थी और उनके खिलाफ कई तरह की साजिश की जाने लगी थी. उन्हें जर्मनी का जासूस साबित करने की कोशिश भी की गई थी. हालांकि, ओपेनहाइमर पर लगा कोई आरोप सच नहीं पाया गया था.