Rating: 3-3.5/5
डीएनए हिंदी: करण जौहर (Karan Johar) की फिल्म जुग-जुग जियो (Jug Jug Jeeyo ) रिलीज हो गई है. धर्मा प्रोडक्शन (Dharma Production) की फिल्म हो और उसमें फैमिली ड्रामा ना हो ये तो मुश्किल है. ऐसी ही कुछ फैमिली ड्रामा से भरी है वरुण धवन (Varun Dhawan) और कियारा अडवाणी (Kiara Advani) की फिल्म जुग जुग जियो. इस फिल्म में भी भर भर कर इमोशन है प्यार है और रिश्तों में दरार भी है. हालांकि फिल्म में सबसे ज्यादा जिसने सबको इंप्रेस किया वो कोई और नहीं बल्कि अनिल कपूर (Anil Kapoor) रहे. साथ ही नीतू कपूर (Neetu Kapoor) का कमबैक अच्छा रहा.
फिल्म का म्यूजिक भी बढ़िया रहा. फिर बात चाहे पार्टी सॉन्ग 'पंजाबन' की हो या रोमांटिक गाना 'रंगी सारी' या फिर 'नैन ता हीरे' की, फिल्म के सभी गाने दर्शकों की जुबान पर चढ़ चुके थे.
कैसी रही फिल्म की कहानी
फिल्म को राज मेहता ने डायरेक्ट किया है. फिल्म हल्की फुल्की कहानी के साथ शुरू होती है और बिना ऑडियंस को उलझाए आखिर तक कनेक्ट कर के रखती है. पति पत्नी के रिश्ते को फिल्म में बखूबी तरीके से दिखने की कोशिश की गई. फिर चाहे वो 35 सालों के पति पत्नी का रिश्ता हो या 5 सालों का. फिल्म में दिखाया गया है कि एक बच्चे के लिए कितना मुश्किल है मां बाप का तलाक लेना. फिल्म में वरुण धवन अपने पिता अनिल कपूर को अपने तलाक के बारे में बताना चाहते हैं पर उनके पिता उल्टा अपने तलाक की बात कर बैठते हैं.
फिल्म मां बाप और बेटा बहू के तलाक के इर्द गिर्द घूमती है. हालांकि जैसा कि होता आया है, बॉलीवुड फिल्मों में हैप्पी एंडिंग होती है तो फिल्म में भी ऐसा ही कुछ हुआ. अब फिल्म में किसका तलाक हो पाता है किसका नहीं इसके लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी.
क्यों देखें फिल्म
जुग जुग जियो एक फैमिली एंटरटेनर फिल्म है तो आप इसे अपनी पूरी फैमिली के साथ देख सकते हैं. फिल्म में शादी को मॉडर्न ट्विस्ट दिया गया है. फिल्म में जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग के साथ अनिल कपूर ने पूर लाइम लाइट चुरा ली. नीतू कपूर का कमबैक भी अच्छा रहा. वरुण धवन और कियारा आडवाणी भी अपनी एक्टिंग से आपको इंप्रेस कर देंगे. इसी के साथ मनीष पॉल ने भी फिल्म में कॉमेडी का तड़का लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और वो इसमें कामयाब भी रहे. फिल्म में प्रजक्ता कोहली का जितना भी रोल था उन्होंने अच्छी तरह निभाया.
फिल्म में काफी सारे डायलॉग गुदगुदाने में कामयाब रहे. 'इंसान या तो शादीशुदा हो सकता है या खुशहाल हो सकता है', 'खिचड़ी खाने की उम्र में प्रोटीन शेक पी रहे हो', 'पापा की ठरक' जैसे कई और कॉमिक और इमोशनल डायलॉग हैं फिल्म में.
क्यों ना देखें फिल्म
लंबे समय से परिवार के साथ फिल्म नहीं देखी है तो इसे जरूर देखें पर ना देखने के लिए वैसे तो कोई बड़ा कारण नहीं है. फिल्म हल्की फुल्की है तो ज्यादा दिमाग लगाकर इसे ना देखें.
आखिर में बस यही कहेंगे कि 'शादी के बाद सब ठीक हो जाता है', इस बात पर पूरी फिल्म टिकी हुई है. आप भी शादीशुदा हैं तो इस फिल्म की कई बातों से खुद को रिलेट कर सकेंगे और अगर शादी नहीं हुई तो भी इस फिल्म को देखकर आप शायद शादी के ख्याल को लेकर कंफ्यूज हो जाएं.
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