Bollywood अपनी तरह की एक अलग दुनिया है. यहां जिसकी जैसी हैसियत है, उसके वैसे दुःख और सुख हैं. अक्सर ही हमारे सामने ख़बरें आती हैं कि किसी कलाकार को काम नहीं मिला, तो वो अवसाद में चला गया. या फिर कर्जे और आर्थिक तंगी के कारण किसी ने आत्महत्या कर ली. हम इन खबरों को सुनते हैं और नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन ये खबरें कितनी भयानक होती है? उसे हम सीनियर एक्टर Lilliput की बातों से समझ सकते हैं. लिलिपुट ने खुलासा किया है कि उनकी ज़िन्दगी में एक समय ऐसा भी आया, जब उन्हें खुद ये लगने लगा कि वो मनहूस हैं. इसके बारे में उन्होंने Amitabh Bachchan से भी बात की थी.
आज भी लिलिपुट को ये अफसोस है कि सिर्फ अपनी सोच के कारण वो अमिताभ के साथ काम नहीं कर पाए. बॉलीवुड ठिकाना को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने तमाम बड़ी बातें की हैं. उन्होंने कहा है कि एक के बाद एक लगातार अमिताभ बच्चन के साथ की उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थी. उन्हें लगने लगा था कि वो मनहूस हैं.
इसके बारे में उन्होंने स्वयं अमिताभ बच्चन से बात की और उनके साथ फ़िल्में करने से मना भी कर दिया था. अपने सफरनामे पर बात करते हुए लिलिपुट नाम से मशहूर एमएम फारुकी ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मैं ताश खेल रहा था. तभी मुझे सुभाष घई का फोन आया, जिन्होंने मुझे अपने दफ्तर में मिलने के लिए बुलाया.
लिलिपुट के मुताबिक उनके पास सुभास घई से मिलने बांद्रा जाने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए वो जिन लोगों के साथ ताश खेल रहा था, उनमें से एक ने उन्हें वहां पहुंचाया. वहां पहुंचकर लिलिपुट उस वक्त हैरत में आ गए जब सुभास घई ने उनसे कहा की वो शेरबहादुर नाम की एक फिल्म बना रहे हैं. जिसमें अमिताभ बच्चन हीरो होंगे और वो यानी लिलिपुट विलेन.
चूंकि उस समय लिलिपुट के खाते में कई फ़िल्में थीं. इसलिए सुभास घई ने उनपर दबाव डाला की वो तमाम फ़िल्में छोड़ दें. तब सुभास घई का कद था ही कुछ ऐसा कि लिलिपुट फ़ौरन ही उनकी बातों में आ गए और उन्होंने तमाम फ़िल्में छोड़ दीं. बाद में ये प्रोजेक्ट रुका और तब वो समय आया जब लिलिपुट के पास कोई काम नहीं था.
बाद में लिलिपुट को अमिताभ के साथ एक फिल्म और ऑफर हुई मगर वो प्रोजेक्ट भी सामने नहीं आया. इसके बाद लिलिपुट ने ये मान लिया कि वो मनहूस हैं. इसके बाद वो अमिताभ बच्चन से मिले और कहा कि वो (अमिताभ) उनके साथ काम करने की कोशिश न करें.
इसी तरह अपने इंटरव्यू में लिलिपुट ने डायरेक्टर शाद अली का भी जिक्र किया. जो अपनी फिल्म बंटी और बबली में लिलिपुट और अमिताभ को कास्ट करना चाहते थे. यहां लिलिपुट ने डायरेक्टर से कहा था कि ये प्रोजेक्ट कभी पूरा नहीं होगा.
इसपर शाद ने कहा कि वो इन अंधविश्वासों में नहीं मानते हैं और फिल्म बनाई. बाद में जब फिल्म ने कामयाबी के झंडे गाड़े तब लिलिपुट को एहसास हुआ कि पूर्व में अमिताभ के साथ काम न कर उन्होंने अपने प्रोफेशनल करियर में क्या खोया है.
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