Happy Birthday- जानें क्यों राज कपूर को कहा जाता है Indian Cinema का शोमैन

राज कपूर की फिल्में भारतीय सिनेमा के लिए एक प्रेरणा हैं. एक मिसाल हैं. उनकी फिल्में आम इंसान की जिंदगी से जुड़े हर पहलू को सामने रखती हैं.

'बूट पॉलिश' और 'श्री 420' से लेकर 'जागते रहो' और 'अनाड़ी' तक राज कपूर की लगभग 72 फिल्मों में से हर एक फिल्म नई कहानी, नए ट्रेंड और फिल्म मेकिंग से जुड़ी नई सीख बनकर सामने आती हैं. कहा जा सकता है कि आने वाली पीढ़ियों ने फिल्म मेकिंग राज कपूर (Raj Kapoor) के सिनेमा को देखकर सीखी. ऐसे में ये सवाल कि राज कपूर को भारतीय सिनेमा का शोमैन (Showman of Indian Cinema) क्यों कहा जाता है...कई जवाब सामने लेकर आता है. 14 दिसंबर 1924 को राज कपूर का जन्म हुआ था. आज वह होते तो अपना 97वां जन्मदिन मना रहे होते. उनके जन्मदिन पर उनकी जिंदगी से जुड़ी खास बातें -

70 से ज्यादा फिल्में बनाईं

राज कपूर (Raj Kapoor) ऐसे शख्स थे जिनसे सारी फिल्म इंडस्ट्री प्रेरणा लेती थी. उन्हें चलती-फिरती फिल्म लाइब्रेरी कहा जाता था. उन्होंने अपने जीवन में 70 से ज्यादा फिल्में बनाईं और कई अवॉर्ड्स जीतें. उनकी बनाई फिल्में आज भी मिसाल हैं और उनकी कुछ फिल्मों का म्यूजिक भी आज तक पॉपुलर है. वह हिंदी सिनेमा की दुनिया में काफी नई चीजें लेकर आए और हर नई शुरुआत का पर्याय बन गए. जाहिर है इसी वजह से उन्हें हिंदी सिनेमा का शोमैन कहा जाता है. 

रियल लाइफ में करते थे प्रयोग

सिनेमा को लेकर उनका विजन एकदम अलग था. वह अपनी फिल्मों के हर एंगल पर डूबकर काम करते थे. उनका एक किस्सा मशहूर है. 'राम तेरी गंगा मैली' बनाते वक्त उनके दिमाग में हीरोइन को लेकर एक अलग ही इमेज थी. फिल्म का एक डायलॉग है- 'गंगा हजारों में एक है'. इस डायलॉग को असलियत में दर्शकों के सामने पेश करने के लिए उन्होंने फिल्म की हीरोइन मंदाकिनी को सफेद साड़ी में एक मंदिर के बाहर लगी भक्तों की लाइन में खड़ा किया. खुद वह मंदिर से कुछ दूर जाकर खड़े हो गए. उन्होंने उस वक्त कहा था, अगर एक सिंपल सफेद साड़ी में खड़ी मंदाकिनी को इतने लोगों की भीड़ के बीच भी लोग देखते हैं, तब ही ये डायलॉग सही साबित हो सकता है.

जब मंदाकिनी को भक्तों की लंबी लाइन में भेजा

मंदाकिनी मंदिर के बाहर लंबी लाइन और भक्तों की भीड़ में जाकर खड़ी हुईं. वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं और राज कपूर ने वहां आस-पास के लोगों के रिएक्शन ऑब्जर्व किए. इसके बाद जो हुआ वो सब जानते हैं. मंदाकिनी ने ये रोल बखूबी निभाया और फिल्म ने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. ये राजकपूर की मेहनत और उनका विजन ही था कि कपूर फैमिली को बॉलीवुड की फर्स्ट फैमिली कहा जाता है. 

बने सबसे युवा निर्देशक

राज कपूर ने 10 साल की उम्र में फिल्म इंकलाब से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू किया था. उन्होंने फिल्म विश्वकन्या के सेट पर बतौर क्लैपर बॉय काम करना शुरू किया था. वह 24 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री के सबसे युवा निर्देशक के तौर पर सामने आए. उन्होंने फिल्म आग का निर्देशन किया. 
 

1948 में बनाया आरके फिल्म्स 

राज कपूर ने सन् 1948 में आरके फिल्म्स की नींव रखी. इस स्टूडियो की सबसे पहली हिट फिल्म बनी बरसात. फिल्म में नरगिस और उनका वायलिन पकड़े हुए सीन काफी पॉपुलर हुआ और यही आरके फिल्म्स का लोगो भी बना.  

आखिरी फिल्म थी - हिना

राज कपूर की आखिरी फिल्म थी- हिना. 1988 में उनके निधन की वजह से ये फिल्म अधूरी रह गई थी. इसे रणधीर कपूर ने पूरा किया था और ये रिलीज के साथ ही काफी बड़ी कमर्शियल सक्सेस साबित हुई. 

दूसरे देशों में भी थे मशहूर

उनका नाम भारत के अलावा कई दूसरे देशों में भी काफी मशहूर था. इनमें अफ्रीका, मिडिल ईस्ट, चीन, तुर्की, साउथ ईस्ट एशिया जैसे देश शामिल हैं.