अनुपम खेर की मां ने दिया The Kashmir Files का Review, निकाले गए भाइयों की दर्दनाक कहानी सुनाई

Written By Utkarsha Srivastava | Updated: Mar 15, 2022, 06:39 PM IST

The Kashmir Files

The Kashmir Files देखने के बाद अभिनेता अनुपम खेर की मां दुलारी ने रियल लाइफ कहानी सुनाकर फिल्म का रिव्यू दिया है.

डीएनए हिंदी: फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है. बीते शुक्रवार को रिलीज हुई अनुपम खेर (Anupam Kher) और मिथुन चक्रवर्ती स्टारर इस फिल्म को कंगना रनौत ने भी देख लिया है. वहीं, अब इस फिल्म को अनुपम खेर की मां (Anupam Kher Mother) दुलारी ने भी रिव्यू दे दिया है. उन्होंने न सिर्फ इस फिल्म की बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की भी जमकर तारीफें कीं. उन्होंने अपने कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandits) भाइयों की दर्दनाक कहानी भी सुनाई है, जिन्हें धमकियां देकर और परेशान करके निकाला गया था.

भाइयों को आती थी चिट्ठी

दरअसल, अनुपम खेर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो अपनी मां दुलारी से पूछते हैं कि 'द कश्मीर फाइल्स' देखने के बाद उनका क्या रिएक्शन है. वीडियो में दुलारी कहती हैं- 'मुझे सबकुछ पता ही है वहां का. मुझे वही दिखा जो उन लोगों ने करा है. हमें क्या 30 साल से यही देख रहे हैं. जो बच्चा पैदा हुआ था वो आज 30-32 साल का हो गया. सब यही देख रहे हैं क्या बताना है. मेरे भाइयों को ऐसे चिट्ठियां पहुंची, निकल जाओ. बेचारे नानाजी ने मकान बनवाया था, वो बेचारे इसी में मर भी गए. शाम को आया ऑफिस से, चिट्ठी मिली आज आपकी बारी है. वो रामबाग रहता था'.

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Anupam Kher (@anupampkher)

 

ये भी पढ़ें- बुरी तरह कर्जे में डूबे हैं Karanvir Bohra, दर्द बयां करते हुए बोले- कोई और होता तो सुसाइड कर लेता

ये भी पढ़ें- VIDEO: Kangana Ranaut ने किया The Kashmir Files का रिव्यू, कहा- बॉलीवुड ने पाप धो लिए

रात में ले जाते थे ट्रक

उन्होंने आगे बताया- 'रात में ट्रकें चलती थीं उसी में बैठकर दोनों भाई निकल गए. बच्चे बाहर पढ़ रहे थे. उन बेचारों के पास पानी के लिए एक ग्लास तक नहीं था. जिसने भी यह भी यह पिक्चर बनाई बहुत ठीक करा. हम हिंदुओं के लिए बहुत अच्छा किया. मोदी भी इतना लड़ रहा है बेचारा. अब इसने बताई तो पता लगेगा कि कश्मीरियों के साथ क्या हुआ. बाहर वालों को क्या पता क्या था. अपनी दौलत थी, अपना सामान था. ऐसे निकाला जैसे फकीर होते हैं. मुझे अपने भाइयों का पता है'.