Atrangi Re Review: सारा-धनुष और अक्षय की 'चकाचक' लवस्टोरी में है जबरदस्त ट्विस्ट, 'गर्दा उड़ा दिए' Anand L Rai

| Updated: Dec 25, 2021, 11:14 AM IST

अतरंगी रे रिव्यू

आनंद एल राय (Anand L Rai) की फिल्म 'अतरंगी रे' (Atrangi Re Review) सही मायनों में 'अतरंगी' है.

निर्देशन: आनंद एल राय

स्टार कास्ट: सारा अली खान, धनुष और अक्षय कुमार

कहानी और संवाद: हिमांशु शर्मा

कहां देखें: डिज्नी प्लस हॉटस्टार

डीएनए हिंदी: 'अतरंगी रे' (Atrangi Re Review) फिल्म की रिलीज से पहले ही अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ने कह दिया था कि ये फिल्म पहले सारा अली खान (Sara Ali Khan) की है, फिर धनुष (Dhanush) और सबसे आखिर में मेरी है लेकिन इसे देखने के बाद मालूम होता है कि धनुष ने फिल्म अपने नाम कर ली है. लवस्टोरी, इमोशन और मेंटल हेल्थ जैसे मुद्दों पर बात करती आनंद एल राय (Anand L Rai) की ये फिल्म सही मायनों में 'अतरंगी' है.

फिल्म की कहानी

'अतरंगी रे' की कहानी शुरू होती है रिंकू सूर्यवंशी (सारा अली खान) से जो सज्जाद (अक्षय कुमार) नाम के शख्स से प्यार करती है. घरवालों को मंजूर नहीं है और ऐसे में रिंकू घर से 14 से 24 साल की उम्र तक कई बार भागने की कोशिश कर चुकी है लेकिन हर बार फेल हो जाती. आखिरकार रिंकू की नानी गुस्से में आकर ऐलान कर देती हैं कि किसी पकडुआ दूल्हा से उसका जबरदस्ती ब्याह करा दिया जाएगा. इसके बाद एंट्री होती है हमारे हीरो एस वेंकटेश विश्वनाथ अय्यर उर्फ विशु (धनुष) की. विशु, जिसकी सगाई पहले से ही हो चुकी है और अचानक कुछ लोग उसे डरा-धमकाकर पकड़ लाते हैं और शादी के मंडप में बिठा देते हैं, लाफिंग गैस सुंघाकर तैयार कर देते हैं 'दुनिया का सबसे खुश दूल्हा'.

 

 

शादी के बाद होश में आने पर रिंकू ऐलान कर देती है कि 'हम नहीं मानते ई जबरदस्ती का शादी'. वहीं, दूसरी तरफ विशू को भी अपनी मंगेतर और उससे शादी की हो चुकीं तैयारियों फिक्र सता रही है. फिर क्या दोनों के बीच एक बेहद सिंपल डील होती है कि 'दिल्ली पहुंच कर विशु अपने रास्ते और रिंकू अपने' लेकिन कहानी इतनी सिंपल भी नहीं है. आनंद एल राय ने इस फिल्म के क्लाइमैक्स में ऐसा धमाकेदार ट्विस्ट रखा है जिसे देखकर दर्शकों के होश उड़ जाएंगे.

निर्देशन

डायरेक्टर आनंद एल राय ने 'अतरंगी' में लव स्टोरी के साथ मेंटल हेल्थ जैसा संवेदनशील विषय बेहद संजीदगी के साथ जोड़ा है. बिना भारी-भरकम डायलॉग के डायरेक्टर ने अपनी बात दर्शकों तक पहुंचा दी है. जहां एक तरफ फिल्म का फर्स्ट हाफ कैरेक्टर्स और कहानी बिल्ड करने में जाता है और कुछ हद तक उबाऊ और दोहराया हुआ लगने लगता है तो वहीं, दूसरी तरफ सेकेंड हाफ आपको फिल्म के किरदारों के डार्कर और काफी इमोशनल साइड की तरफ ले जाएगा. आनंद एल राय, फिल्म के किरदारों की 'अतरंगी' फितरत के बारे में आपका यकीन पक्का कर देगें लेकिन सेकेंड हाफ में अचानक ये किरदार बदलते नजर आएंगे. 

परफॉरमेंस

एक अल्हड लेकिन तेज-तर्रार, भागने वाली लेकिन साहसी, उग्र लेकिन संवेदनशील लड़की रिंकू के किरदार के साथ न्याय करने के लिए सारा अली खान ने काफी कोशिशें करती दिखी हैं. इस किरदार में सारा कई बार 'जब वी मेट' की 'गीत' और 'हम दिल दे चुके सनम' की 'नंदनी' का कॉम्बिनेशन लगती हैं. हालांकि, सारा की डायलॉग डिलिवरी उतनी इंप्रेस नहीं कर पाती. इस फिल्म में उन्होंने ने अब तक की बेस्ट परफॉर्मेंस तो दी है लेकिन 'रिंकू' के किरदार में सारा वो कमाल नहीं दिखा पाईं जिसके लिए आनंद एल राय ने उन्हें मौका दिया था.

 

'विशू' के जरिए अभिनेता धनुष पूरी फिल्म अपने नाम कर लेते हैं. धनुष फिल्म के हर सीन में अपने एक्सप्रेशन्स के जरिए ही दिल की बात दर्शकों तक पहुंचाने में कामयाब होते हैं. इमोशनल सीन से लेकर डायलॉग्स तक फिल्म में धनुष को देखकर आप भी बोलेंगे- 'एक ही तो दिल है कितनी बार जीतोगे?'

बात करें अक्षय कुमार के किरदार की तो वो फिल्म में सस्पेंस बनाए रखते हैं लेकिन उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि 'सज्जाद ही अक्षय कुमार है'. फनी डायलॉग डिलिवरी से लेकर सारा के साथ उनकी कैमिस्ट्री तक छोटे से रोल में ही अक्षय दर्शकों को इंप्रेस कर देते हैं.

म्यूजिक, सिनेमैटोग्राफी और स्क्रीनप्ले

एआर रहमान का म्यूजिक फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर में ड्रामा लाने का काम करता है. इरशाद कामिल के लिरिक्स इंप्रेस करते हैं और दोनों मिलकर 'अतरंगी रे' के संगीत को शानादार बनाते हैं. फिल्म में पंकज कुमार की सिनेमैटोग्राफी ने जादू किया है. फिल्म के फर्स्ट हाफ में हर सीन में कहानी के मुताबिक ब्राइटनेस देखने को मिलेगी लेकिन सेकेंड हाफ में जैसे ही इमोशन्स से भरे सीन शुरू होंगे फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी बदलती नजर आएगी. फिल्म की कहानी कई जगहों पर धीमी पड़ती दिखाई देती है. इसकी स्क्रिप्ट थोड़ी क्रिस्प और स्क्रीनप्ले थोड़ा और चुस्त होता तो कहानी और भी इंप्रेसिव हो सकती थी. इसके अलावा कई जगह डिटेलिंग की कमी भी खली है.

 

 

देखें या नहीं?

क्रिसमस के मौके पर रिलीज हुई 'अतरंगी रे' आपको हंसाएगी, इमोशनल करेगी और एक धमाकेदार क्लाइमैक्स भी देगी. फिल्म की कई बातें इसे 'अतरंगी' बनाती हैं. अगर फर्स्ट हाफ आपको थोड़ा उबाऊ लगे तो आनंद एल राय पर भरोसा रखिए क्योंकि सेकेंड हाफ काफी इंटेंस है. हमारी तरफ से फिल्म को 3.5 स्टार्स.