डीएनए हिंदी: इन दिनों हाल ही में रिलीज हुई डायरेक्टर शकुन बत्रा की फिल्म 'गहराइयां' में दिखाए गए दीपिका पादुकोण और सिद्धांत चतुर्वेदी के इंटीमेट सीन्स को लेकर जबरदस्त चर्चाएं हैं. ये चर्चाएं इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि ये शायद पहली बार है जब किसी बॉलीवुड फिल्म के क्रेडिट सीन में एक 'इंटीमेट डायरेक्टर' का नाम देखने को मिला है. 'गहराइयां' में दिखाए गए सेक्शुअली इंटीमेट सीन्स को एक यूक्रेनियम फिल्ममेकर डार गाई ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में अंतरंग सीन को डायरेक्ट करना कॉन्सेप्ट नया नहीं है लेकिन इसके बारे में बेहद कम ही लोग जानते हैं. आगे जानिए क्या होता है एक 'इंटीमेट डायरेक्टर' का रोल और ये कैसे काम करते हैं?
पहली बार दिखा ये क्रेडिट
इरफ़ान, शशि कपूर, प्रियंका चोपड़ा जैसे स्टार की बायोग्राफी लिख चुके राइटर असीम छाबड़ा ने इंटीमेसी डायरेक्टर को लेकर ने एक पोस्ट किया था जिसके बाद इसके बारे में और ज्यादा जानने के लिए लोग उत्सुक नजर आए. उन्होंने लिखा था- 'मैं गलत हो सकता हूं लेकिन ये पहली बार है जब मैंने किसी भारतीय फिल्म (या किसी और दूसरी फिल्म) में 'इंटीमेसी डायरेक्टर' के लिए क्रेडिट देखा है. मैं डार गाई को जानता हूं और फिल्म में उनका योगदान देखने के लिए काफी उत्सुक हूं'.
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क्या होता है 'इंटीमेसी डायरेक्टर' का काम
बता दें कि 'इंटीमेसी डायरेक्टर' का काम फिल्म में दिखाए जा रहे न्यूड सीन या फिल्म सेक्शुल सीन्स से जुड़ा होता है. वो पूरी फिल्म का मूड, एक्टर्स और टारगेटेड दर्शकों को समझने के लिए फिल्म के निर्देशक के साथ मिलकर काम करते हैं. उनकी कई जिम्मेदारियों में से एक ये भी है कि ऐसे सीन्स में नजर आने वाली एक्टर्स और एक्ट्रेसेस किसी भी तरह से असहज महसूस ना करें. सीन्स में तकनीकी पक्ष, एक्टर्स के कॉस्ट्यूम से लेकर कैमरा एंगल तक सुनिश्चित करना 'इंटीमेसी डायरेक्टर' का काम होता है. इसके अलावा उन्हें ये भी देखना होता है कि ये सीन में तय सीमा के अनुसार ही हों.
कैमरे का खेल
इंटीमेसी डायरेक्टर का काम तकनीकी ही नहीं बल्कि साइकोलॉजिकल भी होता है. इन सीन की शूटिंग को लेकर कनाडा की रहने वाली 27 वर्षीय इंटिमेसी कोर्डिनेटर मेगन स्क्रोडर ने डेली स्टार को दिए इंटरव्यू में बात की थी. मेगन इंटीमेट सीन्स के डायरेक्शन में मदद करती हैं. उनका कहना है कि रोमांटिक सीन्स की शूटिंग के दौरान कई चीजों का बहुत ध्यान रखा जाता है. शूट करने से पहले वो एक्टर-एक्ट्रेस की बाउंड्रीज यानी इन सीन को लेकर वो कितने सहज हैं, इस बारे में जानने की कोशिश करती हैं. कैमरा के एंगल को इस तरह रखा जाता है कि सीन दर्शकों को ज्यादा आकर्षक लगे और दोनों किरदारों की फीलिंग सही तरह से दर्शकों तक पहुंचाई जा सके.
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पहले माना जाता था फिजूल खर्च
मेगन का कहना है कि ऐसे सीन्स की शूटिंग में पूरा खेल कैमरा एंगल का होता है. सीन को रियलिस्टिक बनाने के लिए प्रॉप्स का इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने बताया कि पहले के समय में इंटिमेसी कॉर्डिनेटर फिल्म की शूटिंग के दौरान सिर्फ फिजूल खर्च माना जाता था. मगर अब इसकी अहमियत लोगों को पता चल रही है. इंटीमेसी डायरेक्टर की मदद से बिना निर्देशक के काम में खलल डाले या शूटिंग में रुकावट के मुश्किल सीन्स आसानी से शूट हो जाते हैं.